तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में चार स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के उद्घाटन समारोह दौरान उसी अस्पताल से संबंधित एक आपबीती सुनाई तो समारोह में मौजूद सभी चिकित्सक व अन्य दंग रह गये। उन्होंने नए आक्सीजन प्लांट, कोरोना के इलाज के लिए तैयार अस्थायी अस्पताल सहित चार सुविधाओं का शुभारंभ किया।
आम नागरिक बने तो हुई घटना
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि बीते दिनों जब वह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल गए तो बेंच पर बैठने के दौरान एक गार्ड ने उन्हें डंडा मार दिया था। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले वह एक आम नागरिक बनकर सफदरगंज अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे तब ये घटना हुई थी। मांडविया ने सफदरगंज अस्पताल में चार स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के उद्घाटन समारोह में इस पूरी घटना का खुलासा किया तो सभी हैरान रह गए।
मांडविया ने बताया कि इस औचक निरीक्षण में उन्हें अस्पताल में अव्यवस्था भी देखने को मिली। उन्होंने बताया कि इस दौरान अस्पताल में करीब 75 साल की एक बुजुर्ग महिला को उसके बेटे के लिए स्ट्रेचर की जरूरत थी। लेकिन महिला को स्ट्रेचर दिलाने व स्ट्रेचर ले जाने में सुरक्षा गार्डों ने कोई मदद नहीं की।
आख़िर गार्ड क्यों नहीं करते मदद
मांडविया ने आगे कहा कि अस्पताल में व्यवस्था ऐसी बनाई जानी चाहिए कि मरीजों को बिल्कुल परेशानी न होने पाए। यदि अस्पताल में 1500 गार्ड हैं तो ये स्ट्रेचर ले जाने में बुजुर्ग महिला की मदद क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने निर्देश दिया कि इमरजेंसी ब्लाक में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाने चाहिए।
पीएम मोदी को दी पूरी जानकारी
मांडविया ने ये भी बताया कि उन्होंने इस पूरी घटना की जानकारी पीएम नरेंद्र मोदी को दी थी। तो उन्होंने पूछा कि क्या जिस गार्ड ने डंडा मारा, उसे उन्होंने निलंबित कर दिया? जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नहीं, क्योंकि वह सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरी व्यवस्था को बेहतर बनाना चाहते हैं।
डाक्टरों की बड़ाई भी की
वहीं मांडविया ने कोरोना के इलाज में डाक्टरों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि सभी डाक्टरों को टीम वर्क के रूप में काम करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह अस्पताल अपनी छवि बदलने के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करेगा।