ये मिस्रा नहीं है वज़ीफ़ा मिरा है
ख़ुदा है मोहब्बत मोहब्बत ख़ुदा है
कहूँ किस तरह मैं कि वो बेवफ़ा हैं
मुझे उस की मजबूरियों का पता है
हवा को बहुत सर – कशी का नशा है
मगर ये न भूले दिया भी दिया है
मैं उस से जुदा हूँ वो मुझ से जुदा है
मोहब्बत के मारों पे फ़ज़्ल-ए-ख़ुदा है
नज़र में है जलते मकानों का मंज़र
चमकते हैं जुगनू तो दिल काँपता है
उन्हें भूलना या उन्हें याद करना
वो बिछड़े हैं जब से यही मरग़ला है
गुज़रता है हर शख़्स चेहरा छुपाए
कोई राह में आईना रख गया है।
बड़ी जान लेवा हैं माज़ी की यादें
भुलाने को जी भी नहीं चाहता है
कहाँ तू ‘ख़ुमार’ और कहाँ कुफ़ तौबा
तुझे पारसाओं ने बहका दिया है
ये खुमार बाराबंकवी का कलाम नगराम की सरजमी पर उस वक्त नजर आया जब सांसद और मंत्री कौशल किशोर का नशा मुक्त अभियान आंदोलन का हिस्सा बनकर नगराम फाउंडेशन के चेयरमैन अरशद मेहदी 2022को समाप्ति और 2023के इस्तेकबाल नगराम को नशा मुक्त करने के आंदोलन के साथ नगराम की गलियों में एक छोटा सा काफिला लेकर निकल पड़े,
कुछ लोग जुड़े कुछ नशेड़ियों की दहशत में डरे सहमे दुबके रहे,कुछ नशे के सौदागर अपने खिलाफ अभियान से साजिशे रचकर सांसद कौशल किशोर के इस अभियान पर सवाल खड़ा करने लगे और लोगो को इस मिशन में शामिल होने से रोकने लगे अफसोस तो इस बात का रहा हर धर्म के धर्मगुरु नशेड़ियों की धमकियों से इतना दहशत जदा दिखे कि कार्यक्रम में शामिल होने से कतराते रहे,
लेकिन इन सब पाबंदियों और दहशत के बीच कौशल का नशा मुक्त अभियान का परचम लहराते हुए पूरे नगर पंचायत में लाउडस्पीकर पर नारे लगाते हुए नगराम फाउंडेशन के चेयरमैन मोहम्मद मेहदी अरशद नगरामी के नेतृत्व में मुखलिफत का सीना चीरते हुए नगराम को नशा मुक्त करने का अभियान देर शाम तक चलाते रहे।
इस मौके पर कई लोगो की हकीकत भी सामने आई ,
आपको बता दे नगराम में हर तरह का नशा बिक रहा है और लोग अपनी कीमती जिंदगियो को बर्बाद कर रहे है।
वही लखनऊ में साल के आखिरी दिन कैबिनेट मंत्री कौशल किशोर नशा मुक्तदीप यात्रा निकाली,शनिवार को परिवर्तन चौक से हजरतगंज जीपीओ तक मार्च निकला,
मंत्री कौशल किशोर ने बताया कि पूरे देश में वह नशा मुक्त अभियान चला रहे हैं। अब यह अभियान पूरे देश में ज़ोर पकड़ लिया है। नशे की वजह से कौशल किशोर के युवा बेटे की मौत हो गई थी। उसके बाद से ही वह पूरे प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान में जुट गए है।
इसके तहत मंत्री कौशल किशोर ने पूरे देश को नशामुक्त बनाने का जो संकल्प लिया है, उसके लिए वे लगातार स्वयं सक्रिय हैं। उनका मानना है कि हमारे देश में खुशियों के रूप में मनाए जाने वाले किसी भी अवसर पर यह ज़रूरी है। नई पीढ़ी के लोग नशे से बिल्कुल दूरी बनाए रखें क्योंकि ऐसे ही अवसरों पर युवाओं को पहली बार नशे का सेवन कराया जाता है, और उसके बाद वे खुद ही नशे के आदी हो जाते हैं।
शहर के हजारों लोग जुड़ेंगे अभियान में शहर में हजारों लोग जुड़ें रहे है कौशल किशोर के अभियान शहर के आम आदमी से लेकर रसूखदार लोग जड़ें है। कार्यक्रम में मंत्री कौशल किशोर स्वयं मौजूद रहे, परिवर्तन चौक से जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा तक अभियान चला इस दीप यात्रा में लोग इस बात की अपील की गई कि आने वाली पीढ़ियां पूरी तरह से नशे से दूर रहें और आने वाला नया साल “नशामुक्त नया साल ” हो
2020 में हुई थी बेटे की मौत
कौशल किशोर के एक बेटे की मृत्य नशे के कारण अक्टूबर 2020 में हुई थी। इसके बाद ही उन्होंने यह आंदोलन शुरू किया था। अब तक उनके नेतृत्व में अनेक बैठकों, आयोजनों और जागरूकता कार्यक्रमों द्वारा पूरे देश में 5 करोड़ 6 लाख 50 हज़ार से अधिक लोग जीवन में कभी भी नशा न करने का संकल्प धारण कर चुके हैं। लगभग 20 हज़ार ऐसे लोग भी इस आंदोलन से जुड़ चुके हैं। यह लोग पहले नशा करते थे लेकिन इस आंदोलन से प्रभावित होकर उन्होंने हमेशा के लिए नशा छोड़ दिया।
10 करोड़ को दिलाया जाएगा संकल्प
“नशा मुक्त दीप यात्रा” के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक लोगों को नशा न करने का संकल्प दिलाया जाएगा। इस आंदोलन का मुख्य लक्ष्य यह है कि जो लोग नशा नहीं करते हैं, वे जीवनभर नशे से दूर रहने का संकल्प लें। ताकि नशे के नए सौदागर न पैदा हों और इस तरह से धीरे धीरे जब नशा करने वालों की संख्या घटती जाएगी, तो हमारा देश स्वतः नशामुक्त हो जाएगा।