मोहर्रम की गाइड लाइन्स के तहत सीमित संख्या,सेनेटाईजर ,मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ऑनलाइन मजलिसो का सिलसिला जारी,गुलाम अस्करी हाल में मौलाना नक़ी अस्करी,इमामबाड़ा मीर मासूम अली में मौलाना जाबिर जौरासी,अज़ाखाना मोहसिन हुसैन में मौलाना तस्दीक़ हुसैन,अज़ाखाना मियाजानी में ख़ातिबे अहलेबैत अली अब्बास कर रहे है खिताब
तहलका टुडे टीम
बाराबंकी । इत्तेहाद क़ायम करो ताकि रहमतें नाज़िल होती रहें । यह बात मौलाना गुलाम अस्करी हाल में तीसरी मजलिस को खिताब करते हुये मौलाना नक़ी अस्करी साहब ने कही ।मौलाना नकी ने आगे कहा अपनी मजलिसों को बा रौनक़ बनायें ,ज़मीरों से अंधेरा भगायें।जब इमाम ज़हूर फरमाएंगे ज़मीन को अद्लो इंसाफ से भर देंगे।लश्करे इमाम में शामिल होना चाहते हैं तो दुआए अहद को अमल में लायें ।
आखिर में करबला वालों के मसायब पेश किया
मजलिस से पहले हाजी सरवर अली कर्बलाई ने नज़रानये अक़ीदत पेश करते हुये कहा -बैयत को मौत आ गई कर्बोबला के बाद, अपना यज़ीदे वक्त भी बिस्तर समेट ले ।
इमामबाड़ा मीर मासूम अली कटरा में तीसरी मजलिस को खिताब करते हुये जाबिर जौरासी ने कहा कि नेमतों की क़द्र करो अज़ाबे इलाही से बचो।
अहलेबैते रसूल नेमत हैं ।उन्होंने यह भी कहा कि क़ायनात में एख्लाक़ फैला है तो पैगंबर व औलादे पैगम्बर के जरिये। ।जिसने हर मज़हब व मिल्लत के लोगों के दिलों पर असर किया।
इंसानियत का पैगाम देने वाले, मोहम्मद (स अ व) के नवासे फातिमा ( स अ) के लाल का घर घर हो रहा मातम।
नगर के कटरा मोहल्ला स्थित इमामबाड़ा मीर मासूम अली आगा फ़ैयाज़ मियाजानिके अज़ाखाने में अपने निश्चित समय मजलिस शुरू हुई ।
सीमित संख्या, सेनेटाईजर व मास्क के साथ सोसल डिस्टेंसिंग के साथ मजलिस सम्पन्न हुई ।
आगा फय्याज़ मियां जानी के अज़ाखाने में ज़ाकिरे अहले बैत अली अब्बास साहब ने मजलिस को खिताब करते हुये कहा इंसानियत को बचाने वाले को हुसैन कहते हैं।ज़िक्रे हुसैन इंसानों को हक़ व बातिल मेँ फर्क़ बताता है । Iरसूल पुर में जनाब मोहसिन साहब के अज़ाखाने में मजलिस को खिताब करते हुये आली जनाब मौलाना तस्दीक़ हुसैन साहब ने कहा इस बात पर हम्दे परवर दिगार करो कि तुम पाक पैदा हुये हो ।मोहब्बते अहले बैत हर एक को नहीं मिलती।इसे पाने के लिये नश्ल पाक होना ज़रूरी है । गुलिस्तान ए शेर में इक़्तेदार हुसैन साहब के अज़ाखाने में सालाना मजलिस को मोहम्मद फराज़ अब्बास ने खिताब किया।
वही अस्करी नगर ,अली कालोनी दयानंद नगर ,करबला सिविल लाइन ,बेगमगंज ,तकिया ,पीर बटावन,असदनगर ,देवां ,फतेहपुर , जैदपुर , असन्द्रा , मीरापुर , मोती पुर , रसूल पुर , जरगांवां , सरैयां , मिर्चिया , टिकरिया , सन्गौरा, केसरवा , मौथरी आदि गांवों कस्बों में भी घर घर मजलिसों का सिलसिला शासनादेश के अनुसार जारी रहा
कोविड -19 के चलते इस वर्ष इमाम हुसैन (अ)का गम सावधानियों के साथ मनाया जा रहा है । हर तरफ़ या हुसैन या हुसैन की सदाएं गूंज रही है ।इमाम हुसैन (अ) के गम में हर मज़हब व मिल्लत के लोग शामिल है । मजलिस से पहले मुहिब रिज़वी,बाक़र नक़वी , सरवर अली कर्बलाई,शबी अहमद आब्दी, मोहम्मद, अदनान रिजवी,ज़ाकिर इमाम आदि लोगों ने नज़रानये अक़ीदत पेश किया ।
मजलिसों का अगाज़ तिलावते कलाम पाक से किया जाता है