
TMC-BJP सांसदों में तीखी नोकझोंक, पानी की बोतल के टूटने से हुए घायल,निकला खून,एक सत्र के लिए निलंबित,सेव वक्फ इंडिया के मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी ने फोन कर पूछा हाल
तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली: मंगलवार को संसद में वक्फ संशोधन बिल पर हो रही संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक के दौरान उस समय बड़ा हंगामा खड़ा हो गया, जब TMC सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच तीखी बहस छिड़ गई।
बहस इस हद तक बढ़ गई कि कल्याण बनर्जी ने गुस्से में मेज पर रखी कांच की पानी की बोतल उठा कर पटक दी, जिससे बोतल का कांच टूटकर उनके हाथ में चुभ गया। इस घटना से कल्याण बनर्जी घायल हो गए और उन्हें अंगूठे व उंगली में चोट आई। तुरंत बाद उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन कुछ देर बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और AAP नेता संजय सिंह के साथ वे बैठक कक्ष में वापस लौटे।
,सेव वक्फ इंडिया के मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी ने कल्याण बनर्जी से फोन कर हाल चाल लिया और कहा ये खून उनका नहीं है ये खून ईश्वर की संपत्ति लुटेरों से बचाने की मुहिम में बहा है,इस भारत के खून को हम सलाम करते है और आपके लिए हम सब दुआगो है,आपके संघर्ष में हम सब साथ है।
विधेयक पर जोरदार बहस और नोकझोंक
इस घटना के पीछे का कारण उस समय सामने आया जब वक्फ (संशोधन) बिल पर चल रही बहस के दौरान विपक्षी सदस्यों ने विधेयक में अपनी हिस्सेदारी को लेकर सवाल उठाए। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति उस समय रिटायर्ड जजों और वकीलों की टीम के विचार सुन रही थी। अचानक TMC के सांसद कल्याण बनर्जी उठकर बोलने लगे, जिसे भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने बीच में टोका। इस पर दोनों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई, जिसके चलते बनर्जी ने बोतल मेज पर पटक दी और घायल हो गए।
वक्फ संशोधन बिल: पुराने और नए प्रावधानों की झलक
वक्फ बोर्ड से संबंधित पुराना कानून काफी विवादास्पद रहा है। इस कानून के तहत यदि वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता है, तो संपत्ति के मालिक को केवल वक्फ ट्रिब्यूनल में ही अपील करने का अधिकार होता है और ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम माना जाता है। इसके अलावा, किसी संपत्ति पर मस्जिद हो या उसका इस्लामिक उद्देश्यों के लिए उपयोग हो रहा हो, तो वह संपत्ति ऑटोमैटिक रूप से वक्फ बोर्ड की मानी जाती है। साथ ही, वक्फ बोर्ड में महिलाओं और अन्य धर्मों के प्रतिनिधियों की जगह नहीं होती।
हालांकि, नए संशोधन विधेयक में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं। इनमें संपत्ति मालिक को वक्फ ट्रिब्यूनल के अलावा अन्य न्यायालयों जैसे राजस्व कोर्ट, सिविल कोर्ट, या हाईकोर्ट में अपील करने का अधिकार मिलेगा। इसके अलावा, वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ अब हाईकोर्ट में भी अपील की जा सकेगी। नया विधेयक यह भी स्पष्ट करता है कि जब तक कोई संपत्ति वक्फ को दान में न दी गई हो, वह वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं मानी जाएगी, भले ही वहां मस्जिद बनी हो। साथ ही, वक्फ बोर्ड में 2 महिलाओं और अन्य धर्म के 2 सदस्यों को शामिल किया जाएगा।
JPC में कौन-कौन हैं शामिल?
वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा कर रही संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 31 सदस्य हैं। इनमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य शामिल हैं। लोकसभा से भाजपा के 7, कांग्रेस के 3, और अन्य दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। वहीं, राज्यसभा से भाजपा के 4 और कांग्रेस, TMC, AAP सहित अन्य दलों के सदस्य भी मौजूद हैं।
लोकसभा के 21 सदस्य:
- जगदंबिका पाल (भाजपा)
- निशिकांत दुबे (भाजपा)
- तेजस्वी सूर्या (भाजपा)
- अपराजिता सारंगी (भाजपा)
- संजय जायसवाल (भाजपा)
- दिलीप सैकिया (भाजपा)
- अभिजीत गंगोपाध्याय (भाजपा)
- श्रीमती डीके अरुणा (YSRCP)
- गौरव गोगोई (कांग्रेस)
- इमरान मसूद (कांग्रेस)
- मोहम्मद जावेद (कांग्रेस)
- मौलाना मोहिबुल्ला (सपा)
- कल्याण बनर्जी (TMC)
- ए राजा (DMK)
- एलएस देवरायलु (TDP)
- दिनेश्वर कामत (JDU)
- अरविंत सावंत (शिवसेना, उद्धव गुट)
- सुरेश गोपीनाथ (NCP, शरद पवार)
- नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना, शिंदे गुट)
- अरुण भारती (LJP-R)
- असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM)
राज्यसभा के 10 सदस्य:
- बृज लाल (भाजपा)
- डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी (भाजपा)
- गुलाम अली (भाजपा)
- डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (भाजपा)
- सैयद नसीर हुसैन (कांग्रेस)
- मोहम्मद नदीम उल हक (TMC)
- वी विजयसाई रेड्डी (YSRCP)
- एम मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK)
- संजय सिंह (AAP)
- डॉ. धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े (राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत)
आगे का रास्ता
वक्फ संशोधन बिल को लेकर चल रही यह बहस राजनीतिक और कानूनी रूप से अहम मोड़ पर है। JPC की रिपोर्ट अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह में पेश की जाएगी, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि संशोधन विधेयक को संसद में किस रूप में पेश किया जाएगा और उस पर क्या फैसले होंगे।