नई दिल्ली: पूर्वोत्तर में कांग्रेस की भले करारी हार हुई हो लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का मानना है कि हिंदी बेल्ट में पार्टी के उभार के बहुत मजबूत संकेत हैं जो 2019 के आम चुनावों के लिए महत्वपूर्ण होंगे.
हाल में मध्यप्रदेश की मुंगावली और कोलारस विधानसभा सीटों पर पार्टी की जीत से उत्साहित उन्होंने कहा कि लोगों ने राज्य में14 साल के भाजपा शासन को खत्म करने का फैसला कर लिया है, जहां इस साल चुनाव होने हैं. मध्यप्रदेश में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद केलिए अग्रणी उम्मीदवारों में से एक के तौर पर देखे जा रहे सिंधिया ने राज्य में शिवराज सिंह चौहान सरकार को हटाने के लिए‘‘ समान विचार वाले दलों’’ से हाथ मिलाने का भी अनुरोध किया.
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि नगालैंड और त्रिपुरा में विधानसभा चुनावों के परिणाम से‘ धक्का’ लगा. उन्होंने उल्लेख किया कि मेघालय में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. उन्होंने कहा, ‘‘… लेकिन, यह सच है कि भाजपा किसी भी तरह सरकार बनाने में विश्वास रखती है और विधानसभा में महज दो सीट पाने वाली पार्टी ने सरकार बनाने के लिए सारी तिकड़म करने की कोशिश की.’’
हालांकि, 47 वर्षीय नेता ने कहा, ‘‘ जब मैं ऐसा कह रहा हूं तो मेरा मानना है कि हिंदी पट्टी में आपके उभरने के बहुत मजबूत संकेत हैं.’’ त्रिपुरा और नगालैंड में कांग्रेस का खाता नहीं खुला जबकि मेघालय में वह सरकार बनाने में नाकाम रही. भाजपा गठबंधन सरकार बनाकर तीनों राज्यों में सत्ता में आयी. सिंधिया ने कहा कि गुजरात विधानसभा का चुनाव वास्तव में प्रेरक रहा. मध्यप्रदेश में गुना से सांसद सिंधिया ने कहा कि इसके बाद राजस्थान और मध्यप्रदेश के उपचुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल की.
उन्होंने कहा, ‘‘ ये सभी राज्य कांग्रेस के लिए आगे महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं. इसलिए मेरा मानना है कि इन राज्यों में जो राजनीतिक तापमान और लक्षण दिखे हैं, वह कांग्रेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण संकेत है.’’ लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक ने हालांकि कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को बहुत काम करना होगा क्योंकि‘‘ हमें अपने प्रतिद्वंद्वियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए.’’
सिंधिया ने मध्यप्रदेश में पार्टी के भीतर गुटबंदी को भी खारिज करते हुए कहा कि राज्य में कांग्रेस एकजुट है. उन्होंने कहा, ‘‘ हम साल- डेढ़ साल से मिलकर काम कर रहे हैं. हम हर गतिविधि की रणनीति और योजना मिलकर बनाते हैं और आपने इन दोनों उप- चुनावों में यह देखा है. कांग्रेस पार्टी के सभी नेता इस उप- चुनाव में मौजूद थे.’’
सिंधिया ने कहा, ‘‘ लिहाजा, मैं समझ सकता हूं कि भाजपा इतनी चिंतित क्यों है.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस को मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री उम्मीदवार का नाम घोषित करना चाहिए, सिंधिया ने कहा, ‘‘ मैं इस मुद्दे पर नहीं बोलने वाला क्योंकि मुझे नहीं लगता किइस बारे में बोलना उपयुक्त होगा. यह फैसला महासचिव और कांग्रेस आलाकमान को करना है.’’
मध्य प्रदेश में हुए उप- चुनावों में जीत को‘‘ बेहद अहम’’ करार देते हुए उन्होंने कहा कि चुनावों में भाजपा की ओरसे पूरा दांव लगाने के बाद भी कांग्रेस की जीत हुई. उन्होंने कहा कि यह सरकारकी शक्ति बनाम साधारण कांग्रेस कार्यकर्ता के बीच की लड़ाई थी.