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Tahalka Today Team
नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला II बिन अल हुसैन ने गुरुवार को एक सुर में आतंकवाद को खत्म करने की बात कही। दोनों नेता इंडियन इस्लामिक सेंटर के प्रोग्राम में शामिल हुए और यहां ‘इस्लामिक विरासत’ पर अपने विचार रखे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आपकी मौजूदगी इस बात का संदेश है कि आपके जहन में युवाओं की तरक्की और इंसानी खशहाली की भी तवज्जो है। मुस्लिम युवाओें के हाथ में कुरान शरीफ है तो दूसरे में कम्प्यूटर है। मजहब का मर्म अमानवीय हो ही नहीं सकता। हर मजहब मानवीय मूल्यों को बढ़वा देने के लिए है। आज जरूरत है कि हमारे युवा मजहब से जुड़े रहें और संसाधनों का इस्तेमाल भी करें।”
मोदी ने मौलाना डॉ कल्बे सादिक ,मौलाना अरशद मदनी अल्प्संखयक मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी की मौजूदगी में आगे कहा इस्लाम की विरासत को बताया नहीं जा सकता है, बल्कि इसे सिर्फ महसूस किया जाता है। इंसानियत के खिलाफ जुल्म करने वाले ये नहीं जानते कि नुकसान उनके मजबह का भी होता है, जिसके लिए वो लड़ने का दावा करते हैं। वहीं, अब्दुल्ला ने कहा कि इस्लाम में नफरत की कोई जगह नहीं है। आतंकवाद को इससे ना जोड़ा जाए। आतंक के खिलाफ लड़ाई किसी मजबह से नहीं है। बता दें कि किंग अब्दुल्ला मंगलवार रात 3 दिन के दौरे पर भारत आए। तब मोदी उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट गए थे।
दुनिया के सभी बड़े धर्म भारत में पले-बढ़े हैं
मोदी ने किंग अब्दुल्ला को संबोधित करते हुए कहा, ”इस्लाम की सच्ची विरासत को बताया नहीं जा सकता। उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। आपकी इसमें अहम भूमिका है। आज योर हाईनेस प्रिंस की जिस किताब का जिक्र हुआ, वो भी जॉर्डन में आपकी कोशिशों का शानदार नतीजा है। उम्मीद है कि इससे लोगों को इस्लाम को समझने में मदद मिलेगी और उसे दुनियाभर के युवा जरूर पढ़ेंगे।”
”आपने जिस तरह यहां आने की मेरी गुजारिश को स्वीकार किया वो भारत के प्रति आपके स्नेह को बताती है। योर मैजेस्टी आप (किंग अब्दुल्ला) स्वयं विद्वान हैं और भारत से बहुत अच्छी तरह वाकिफ हैं। आप भली भांति जानते हैं कि दुनिया के सभी बड़े धर्म भारत के पालने में पले-बढ़े हैं। दुनियाभर के मजहब और मत भारत की मिट्टी में पनपे हैं यहां की हवा में उन्होंने सांस ली। अमन और मोहब्बत की खुशबू भारत के चमन से सारी दुनिया में फैली है। इसने हमें सही रास्ता दिखाया।”
दिल्ली गंगा जमुनी परंपरा का मेल है
मोदी ने कहा, ”भारत के लोगों में यह एहसास भरा हुआ है कि हर धर्म की रोशनी में एक ही नूर है। हमारी राजधानी दिल्ली और पुरानी मान्यताओं के अनुसार इंद्रप्रस्थ है। यह सूफियानों की सरजमी भी रही है। सैफुद्दीन औलिया यहीं से थे। यह भारत की मिली-जुल गंगा जमुनी परंपरा का मेल है।”
”भारत और भारतीयों ने सारी दुनिया को एक दुनिया मानकर अपनी पहचान बनाई है। सांसस्कृतिक विविधता भारत की पहचान और विशेषता है। इस पर हर भारतीय को गर्व है। चाहे भी वो कोई भी जुबान का शख्स हो, चाहे मंदिर में दिया जलाए, मस्जिद में इबादत करे, चर्च में प्रार्थना करे या गुरुद्वारे में शबद पाठ करे। होली के कुछ ही समय बाद रमजान का पवित्र महीना होगा। ये कुछ भारतीय त्योहारों के उदाहरण हैं। फ्रेंड दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में राजनीति विविधता और सामंजस्य का आधार है।”
आतंकवाद के खिलाफ बोलना किसी मजबह से नहीं जुड़ा
– पीएम मोदी ने कहा, ”हर भारतीय के मन में अपने गौरवशाली अतीत के प्रति गर्व है और भविष्य के प्रति उम्मीद है। परंपरा की विविधता हमें संबंल देती है। इंसानियात के खिलाफ दरिंदगी करने वाले शायद यह नहीं जानते कि नुकसान उस मजहब का होता है, जिसके लिए खड़े होने का वे दावा करते हैं।”
– ”आतंकवाद के खिलाफ मुहिम उस मानसिकता के खिलाफ है जो हमारे मासूमों पर हमले करते हैं। हमारी कोशिश है कि सबकी तरक्की के लिए साथ चलना चाहिए। क्योंकि सारे मुल्क की तरक्की से हर शहर की खुशहाली बाबस्ता है। आतंकवाद के खिलाफ बोलना किसी मजहब से जुड़ा नहीं है।”
– ”आपकी मौजूदगी इस बात का संदेश है कि आपके जहन में युवाओं की तरक्की और इंसानी खशहाली की भी तवज्जो है। मुस्लिम युवाओें के हाथ में कुरान शरीफ है तो दूसरे में कम्प्यूटर है। मजहब का मर्म अमानवीय हो ही नहीं सकता। हर मजहब मानवीय मूल्यों को बढ़वा देने के लिए है। आज जरूरत है कि हमारे युवा मजहब से जुड़े रहें और संसाधनों का इस्तेमाल भी करें।”
भारत और जॉर्डन मिलकर काम करेंगे
मोदी ने कहा, ”आपके उठाए कदम दरिंदगी पर काबू पाने में बहुत मददगार हैं। एक ऐसी जिम्मेदाराना जागरुकता पैदा हो जो सारी मानवता को रास्ता दिखाए। इसमें आपकी मौजूदगी से और भी ताकत मिलेगी। ऐसे प्रयासों में भारत आपके साथ चलना चाहेगा।”
”इसका भरोसा दिलाने के लिए इतनी बड़ी तादाद में भारतीय उलेमा और इंटेलेक्चुअल यहां मौजद हैं। आपकी मौजूदगी में हमें हौसला भी मिलेगा और दिशा भी मिलेगी। हजरात इस जलसे में शिरकत करने के लिए आपका शुक्रिया अदा करता हूं।”
पैगंबर साहब का संदेश दुनिया को दे रहा हूं: किंग अब्दुल्ला
इस्लामिक विरासत पर अब्दुल्ला ने कहा, ”आज हम खबरों में मजहब से जुड़ी बाते पढ़ते और सुनते हैं। इससे सिर्फ लोगों को बांटा जा रहा है। दुनियाभर में फैले संदिग्ध जो अलग-अलग संगठनों से जुड़े हैं, एक दूसरे को नहीं जानते। ऐसी नफरत की विचारधारा परात्मा की बनाई दुनिया को तबाह कर देगी।”
”जॉर्डन दुनिया में अमन कायम करने के लिए बात कर रहा है। दुनिया एक परिवार की तरह है। सभी देशों के लोगों को बेहतर भविष्य के लिए जिम्मेदारियां साझा करनी होंगी। आज आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी मजबह या लोगों से नहीं, बल्कि यह सभी समुदायों में फैले चरमपंथ, हिंसा और नफरत के खिलाफ है।”
”पैगंबर मोहम्मद साहब ने करुणा, दया और मानवता का उपदेश दिया था। यही मेरी आस्था है और इसे अपने बच्चों को सिखाता हूं। साथ ही इसे दुनिया के 1 अरब 80 करोड़ मुस्लिमों के साथ साझा कर रहा हूं।”