
तहलका टुडे टीम/अली मुस्तफा
लखनऊ: इमाम हसन असकरी (अलैहिस्सलाम) की शबे विलादत 9 रबीउस्सानी 1446 हिजरी, 13 अक्टूबर 2024 को ‘बज़्म-ए-मवद्दत’ की जानिब से एक भव्य महफिल का आयोजन शबीह-ए-रौज़ा-ए-सामर्रा (ग़ार वाली कर्बला), खदरा, डालीगंज रोड, लखनऊ में किया गया। इस मुबारक मौके पर इमाम-ए-ज़माना (अ.स.) की बारगाह में खुशी का इज़हार करते हुए, मोमिनीन ने अपनी मोहब्बत और अकीदत पेश कर फिलस्तीन लेबनान के मजलूमों के लिए दुआ का एहतमाम किया गया।इस मौके पर कई उलेमा और शायरों ने नजरनाये अकीदत पेश किया।

इस मौके पर कई मौलाना जाफर अब्बास साहब और उनके भाई रज़ा अब्बास साहब समेत कई उलेमा और शायर कंबर नकवी, तैयब अब्बास,शान लखनवी,फ़िदवी नकवी,फरीद मुस्तफा,खुशनूसी मुस्तफा,फर्मान अली समेत कई शायरों ने हिस्सा लिया।
मशहूर शायर एजाज जैदी का सदारत और अब्बास मेहदी की निजामत में महफिल में मौलाना सैयद मोहम्मद असकरी साहब ने इमाम हसन असकरी (अ.स.) के फज़ाइल और उनकी तालीमात पर तफसील से रौशनी डाली। उन्होंने कहा कि इमाम हसन असकरी (अ.स.) ने अपने दौर में इस्लाम की हिफाज़त की और इंसानियत को हक़ और इंसाफ़ के रास्ते पर चलने की दावत दी। उन्होंने यह भी कहा कि इमाम हसन असकरी (अ.स.) की तालीमात इमाम-ए-ज़माना (अ.स.) के ज़ुहूर की तैयारियों में अहम किरदार अदा करती हैं।

इमाम हसन असकरी (अ.स.) के पैगाम को महफिल में बयान करते हुए मौलाना ने बताया कि इमाम (अ.स.) ने इंसानियत को सच्चाई, इखलास, और अख़लाक़ी ऊंचाईयों तक पहुंचने की दावत दी है। उन्होंने हमेशा अपने मानने वालों को नसीहत की कि वे अपने अमल से इंसानियत और मोहब्बत को फैलाएं और मजलूमों की मदद करें। इमाम-ए-ज़माना (अ.स.) की बारगाह में दुआ करते हुए उन्होंने कहा कि हम सबको इमाम (अ.स.) के ज़ुहूर की तैयारी में अपना किरदार निभाना चाहिए और उनके पैगाम पर अमल करना चाहिए।

इस महफिल में बड़ी तादाद में मोमिनीन ने शिरकत की। महफिल के अंत में बज़रिये क़ुरआंदाज़ी मोमिनीन के दरमियान तोहफे तक़सीम किए गए, और दस्तरख्वान का भी एहतमाम किया गया, जिसमें तबर्रुक के तौर पर मोमिनीन ने शिरकत की। महफिल के दौरान इमाम-ए-ज़माना (अ.स.) की ज़ियारत की तमन्ना और उनकी खुशी में शामिल होने की दुआएं की गईं।
यह महफिल ‘बज़्म-ए-मवद्दत’ की जानिब से इमाम-ए-ज़माना (अ.स.) की बारगाह में पेश की गई मोहब्बत का एक नायाब नमूना थी, जिसमें बच्चों और नौजवानों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

महफिल के दौरान मौलाना सैयद मोहम्मद असकरी ने गाज़ा और लेबनान के मासूम लोगों के लिए खास तौर पर दुआ की। उन्होंने कहा कि इस वक़्त हमारे भाइयों और बहनों को मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है, और हमें उनके लिए दुआओं के साथ-साथ अपने अमल से भी उनकी मदद करनी चाहिए। मौलाना ने गाज़ा और लेबनान के मज़लूमों के लिए इमाम-ए-ज़माना (अ.स.) की बारगाह में दुआ करते हुए कहा कि अल्लाह तआला इन पर रहमत नाज़िल करे, उन्हें सलामती अता फरमाए, और उनके दुश्मनों के मकरों को नाकाम करे।
महफिल में शिरकत करने वाले मोमिनीन ने मौलाना की दुआओं पर आमीन कहा और अपने दिलों से गाज़ा और लेबनान के मज़लूमों के साथ एकजुटता का इज़हार किया। उन्होंने इमाम-ए-ज़माना (अ.स.) की बारगाह में दुआ की कि दुनिया भर में जहां कहीं भी मज़लूम हैं, अल्लाह तआला उनकी हिफाज़त फरमाए और ज़ालिमों को शिकस्त दे।
कार्यक्रम की समाप्ति पर कन्वेनर डॉ अंजुम गादिरी ,रज़ा इमाम और आरजू जैदी ने सभी का शुक्रिया अदा किया।