कानपुर । समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के एमएलसी चुने जाने पर उनके सम्मान में कानपुर में आज एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत पूरी भारतीय जनता पार्टी का जमकर अपमान किया गया। सपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेताओं को लेकर जमकर भड़ास निकाली। भाजपा के बड़े नेताओं की उनकी तुलना पशुओं से की और उन्हें पिटाई करने लायक बताया। इस मौके पर नरेश उत्तम ने भाजपा सरकार पर अपराधियों को बचाने के प्रयास का आरोप लगाया।
इरफान को दिखे सपा की आस्तीन में सांप
विधायक इरफान सोलंकी ने माइक संभाला तो बोले कि बहुत से लोग दूसरों के सिर पर पैर रखकर आगे बढऩा चाहते हैं। आस्तीन के सांप हर जगह होते हैं, सपा में भी हैं। उन्होंने बार-बार जोर देकर कहा कि ऐसे लोग मंच पर भी हैं, जिन्होंने मेरी आवाज मोबाइल में रिकॉर्ड कर दूसरों को सुनाई। ऐसे गद्दारों से सचेत रहना है। वह संभल जाएं, क्योंकि ऊपर वाला सब देखता है। विधायक अमिताभ बाजपेयी और महानगर अध्यक्ष अब्दुल मुईन खां ने भाजपा सरकार पर हमलावर होते हुए लोकसभा चुनाव में सपा की जीत का जोश बुलंद किया।
नरेश उत्तम ने दी सीख और नसीहत
प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम ने अपने भाषण में कार्यकर्ताओं को सीख और नसीहत दी। बोले कि 1980 में मुलायम सिंह यादव का झंडा लेकर कानपुर से निकला था। मुझे फतेहपुर से माता-पिता ने पढऩे भेजा, ताकि अफसर बनूं। मगर, आर्थिक-सामाजिक असमानता देख राजनीति से जुडऩा पड़ा। उस दौर में नेताजी मुलायम सिंह ने युवाओं को राजनीति की शिक्षा-दीक्षा दी। उन्होंने कहा कि सपा खराब न हो, इसीलिए उन्होंने अखिलेश यादव को अपना झंडा सौंपा। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कानपुर में लोकसभा सीट जीतना हमारा लक्ष्य है। यह तभी संभव है, जब कार्यकर्ता अनुशासित रहें। अनुशासन पार्टी के साथ आपको भी तरक्की देगा।
समारोह में पीएम और सीएम का अपमान
सम्मान समारोह में महिला नेत्री आशा गफ्फार शब्दों की मर्यादा ही भूल गईं। मंच से उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अमर्यादित टिप्पणी की। कहा कि जिस तरह गांधीजी के बंदर बोलते, सुनते, देखते नहीं थे। ऐसे ही हालत इन तीनों की है। इनमें भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे बड़े बंदर हैं। वहीं, बातों-बातों में नीलम रोमिला सिंह भी पुरुष कार्यकर्ताओं पर अनुशासनहीन होने का आरोप लगा गईं।
अनुशासन में रहने की सीख
संबोधन के दौरान प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम मौजूद कार्यकर्ताओं का नाम ले रहे थे। तभी सामने बैठीं आशा गफ्फार ने टोक कर अपना नाम लेने के लिए कहा। इस पर वह नाराज हो गए और कहा कि अनुशासन में रहना चाहिए। इस तरह वक्ता को टोका नहीं जाता।
उप्र में कानून व्यवस्था ध्वस्त
पत्रकारों से बातचीत में सपा के प्रदेश अध्यक्ष और एमएलसी नरेश उत्तम ने कहा कि जनता के आंदोलन और न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण भाजपा सरकार मजबूरी में अपराधियों पर कार्रवाई कर रही है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक दल से गठबंधन किया तो भाजपा बौखला और घबरा गई, जबकि खुद 45 दलों से गठबंधन किए बैठी है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उप्र में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और जनता दहशत में है। सरकार अपना कोई वादा पूरा नहीं कर सकी है। मंत्री भी स्वीकार कर चुके हैं कि भाजपा शासन में भ्रष्टाचार बढ़ा है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जो विकास कार्य कराए थे, उन्हीं पर भाजपाई अपनी नेमप्लेट लगा रहे हैं। इसी कार्यशैली की वजह से भाजपा गोरखपुर और फूलपुर की सीट हारी। उन्होंने आरोप लगाया कि अपनी नाकामियों से जनता का ध्यान हटाने के लिए ही सत्ताधारी दल फिजूल की बातें और काम कर रहा है।