
नई दिल्ली । सिंगल जीएसटी रिटर्न का नया और सरल फॉर्म आने तक मौजूदा ‘जीएसटीआर-3बी’ जारी रहेगा। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता वाले जीएसटी काउंसिल के मंत्री समूह की बैठक में इस बात पर बनी। मंत्री समूह ने जीएसटी रिटर्न फाइलिंग का जो नया मॉडल तय किया है, उसमें सप्लायर (विक्रेता) के सेल इन्वॉयस जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करने के आधार पर ही उसे प्रॉविजनल क्रेडिट दिया जा सकता है। हालांकि जीएसटी के नए रिटर्न फॉर्म का प्रारूप कैसा होगा, इसका फैसला जीएसटी काउंसिल करेगी। माना जा रहा है कि नया रिटर्न फॉर्म एक पेज का होगा।
जीएसटी रिटर्न सरल बनाने के लिए मंत्री समूह ने मंगलवार को उद्योग संगठनों के 40 प्रतिनिधियों और 15 कर विशेषज्ञों तथा केंद्र व राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद मोदी ने कहा कि विभिन्न पक्षों से बातचीत के बाद मंत्री समूह ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के फ्यूजन मॉडल को मंजूरी दी है। अब इसे जीएसटी काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा। अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल की बैठक में ही होगा। जब तक नया सरलीकृत फॉर्म नहीं आ जाता तब तक मौजूदा जीएसटीआर-3बी फॉर्म ही जारी रहेगा। इस बात पर विचार किया गया कि व्यापारियों को सिंगल रिटर्न दाखिल करने की नई व्यवस्था के तहत प्रॉविजनल क्रेडिट दिया जाए या नहीं। क्रेडिट की यह सुविधा टैक्स के भुगतान से लिंक की जाए या नहीं।
काउंसिल इन दोनों विकल्पों को मिलाकर एक निर्णय करेगी। माना जा रहा है कि विक्रेता को जीएसटी पोर्टल पर सेल इन्वॉयस अपलोड करने के आधार पर ही क्रेडिट की सुविधा दी जा सकती है। व्यापारियों को जीएसटी में तीन रिटर्न- जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 भरने होते हैं। इसमें जीएसटीआर-1 में व्यापारी को बिक्री तथा जीएसटीआर-2 में खरीद का ब्योरा देना होता है। जीएसटीआर-3 के जरिये टैक्स का भुगतान किया जाता है। अभी जीएसटीआर-2 व जीएसटीआर-3 नहीं भरे जा रहे हैं, इसलिए व्यापारी फिलहाल जीएसटी का भुगतान करने को जीएसटीआर-3बी दाखिल करते हैं। नया फॉर्म आने तक यह व्यवस्था जारी रहेगी। रिटर्न के सरलीकरण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मार्ग ईआरपी के प्रबंध निदेशक सुधीर सिंह ने कहा कि टैक्स सुधार और सिस्टम के अपडेट करते रहना अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार के लिए आवश्यक है।’
जीएसटी काउंसिल के मंत्री समूह ने तय किया जीएसटी रिटर्न फाइलिंग का नया मॉडल
विक्रेता को सेल इन्वॉयस अपलोड करने के आधार पर ही क्रेडिट देने पर विचार20 अप्रैल से छह और राज्यों में इंट्रा-स्टेट ई-वे बिल1मंत्री समूह ने एक अप्रैल से देशभर में लागू जीएसटी ई-वे बिल के क्रियान्वयन का जायजा भी लिया। मोदी ने कहा कि 20 अप्रैल से बिहार, झारखंड, हरियाणा, मप्र, त्रिपुरा व उत्तराखंड में इंट्रा-स्टेट यानी राज्य के भीतर माल परिवहन के लिए ई-वे बिल लागू किया जाएगा। इससे पहले 15 अप्रैल को गुजरात, उप्र, केरल, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में इंट्रा-स्टेट ई-वे बिल व्यवस्था लागू की गई थी।