लखनऊ । प्रदेश सरकार ने पूर्व डीजीपी बृजलाल को अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाया है। 1977 बैच के आइपीएस रहे बृजलाल प्रदेश के तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों में शामिल रहे हैैं और सेवानिवृत्ति के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। इसी क्रम में अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी निर्मल अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष बनाए गए हैैं।
मूलत: सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ निवासी बृजलाल ईमानदार और अच्छी छवि के अधिकारी माने जाते रहे हैैं। उन्हें चार बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है। मायावती के कार्यकाल में कानून व्यवस्था दुरुस्त होने का श्रेय बृजलाल को ही दिया जाता है। सौ से ज्यादा बदमाशों का एनकाउंटर करके उन्होंने अपराधियों में भय पैदा कर दिया था। बसपा शासनकाल में उन्हें एडीजी बनाया गया था। इसके बाद मायावती ने कई वरिष्ठों को नजरअंदाज कर उन्हें 2011 में डीजीपी बनाया था। नवंबर 2014 में बृजलाल सेवानिवृत्त हुए थे और उसके कुछ महीने बाद ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर सक्रिय राजनीति में आ गए थे।
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष बनाए गए लालजी निर्मल सचिवालय सेवा में रहे हैं और 2012 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी निर्मल को हर सरकारी दफ्तर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की तस्वीर लगाए जाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने इसी 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दलित मित्र सम्मान दिया था।
दलितों से सीधा संवाद रखेंगे : बृजलाल
37 साल से अधिक समय तक पुलिस सेवा में रहे बृजलाल का मानना है कि आयोग अध्यक्ष के रूप में दलितों की प्रताडऩा पर कार्रवाई सुनिश्चित करना और समय पर उन्हें आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता होगी। वह दलितों से सीधा संवाद रखेंगे और आयोग में एक हेल्पलाइन की भी स्थापना की जाएगी।
बृजलाल मानते हैैं कि पुलिस सेवा का लंबा अनुभव आयोग अध्यक्ष के रूप में उनके काम आएगा। उनकी कोशिश है कि दलितों पर अत्याचार के मामलों में पुलिस के कार्रवाई न करने पर उन्हें भी जवाबदेह बनाया जाए। बताया कि एससी-एसटी एक्ट में भाजपा की केंद्र सरकार ने 25 और धाराएं जोड़ी हैैं। इसके प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा।
लालजी प्रसाद निर्मल को मुख्यमंत्री को दलित मित्र सम्मान देने का मिला रिटर्न गिफ़्ट
अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल को योगी को दलित मित्र की कुर्सी पर बैठाने का रिटर्न् गिफ्ट देते हुए प्रदेश सरकार ने उन्हे उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम का नया अध्यक्ष बनाया गया है । कभी सपा पर अपने चहेतों पर रेवड़ियां बाटने का आरोप लगाने वाली भाजपा भी आज उसी नकशे कदम पर चल रही हे अभी हालही में अम्बेडकर जयंती के अवसर पर सीएम योगी को दलित मित्र की कुर्सी पर अम्बेडकर महासभा द्वारा बैठाया गया था जिसके बाद से ही इसके राजनैतिक मायने निकाले जाने लगे थे और हुआ भी वही महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल को अनुसूचित जााति वित्त एंव विकास निगम की जिम्मेदारी सौंप कर राज्य सरकार ने अपने इरादे भी स्पष्ट कर दिये कि वे कहीं पर भी चूकने वाले नही हे।
14 अप्रैल को अंबेडकर महासभा ने योगी आदित्यनाथ को दलित मित्र सम्मान से नवाजा था जिसका महासभा के संस्थापक सदस्य एस. दारापुरी विरोध कर रहे थे जिसके चलते 14 अप्रैल को पुलिस ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया था। यही नहीं दारापुरी और हरीश चंद्र ने इस मसले पर वार्षिक महासभा बुलाने की मांग की थी ताकि लालजी प्रसाद के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके। दोनों ने कहा था कि लालजी ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर योगी को सम्मानित करने की घोषणा की है। इनका आरोप था कि प्रदेश की मौजूदा सरकार में दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़े हैं। गौरतलब हे कि लाल जी प्रसाद निर्मल को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर हर सरकारी दफ्तर में लगवाने के लिए जाना जाता है।
पिछले दिनों राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अंबेडकर महासभा में हुए कार्यक्रम में लालजी प्रसाद निर्मल की तारीफों के पुल बांधे थे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तो बाबा साहब की तस्वीर को घर-घर तक पहुंचाने की उनकी मुहिम को काफी सराहा था।इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रहे बृजलाल को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग का अध्यक्ष बना दिया है।