नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सीलिंग के मुद्दे पर हो रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह नकारापन नहीं चलेगा। दिल्ली सरकार की ओर से बचाव में कहा गया कि उनसे निर्देशों को समझने में गलती हुई थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि निर्देश समझने में कोई परेशानी है तो हिंदी में समझा देंगे।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से सीलिंग और प्रदूषण घटाने को लेकर उनकी योजना के बारे में पूछा गया। सरकार इससे संबंधित कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सकी तो कोर्ट नाराज हो गया। पूर्व में सुनवाई के दौरान एलजी की ओर से बताया गया था कि दिल्ली में 100 जगहों पर अतिक्रमण है।
कोर्ट ने जब अतिक्रमण को हटाने की योजना पूछी तो दिल्ली सरकार के वकील मौखिक रूप से बताने लगे। इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि हर बार दिल्ली सरकार के वकील जुबानी जमा खर्च और योजनाओं पर बात कर चले जाते हैं। सरकार ने कोर्ट में समग्र कार्ययोजना पेश करने का वादा किया था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोर्ट ने दिल्ली में अतिक्रमण पर कहा कि राज्य सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है। इसी कारण फोटो, वीडियो वाला एक्शन प्लान व हलफनामा दाखिल नहीं कर रही है। सरकार सिर्फ झोपड़ियों पर डंडे चला रही है, जबकि अतिक्रमण करने वाले विभाग के बाबुओं से मिलीभगत कर फिर वहीं काबिज हो जाते हैं।
गौरतलब है कि मास्टर प्लान में संशोधन और अनधिकृत कॉलोनियों, शहरीकृत गांवों एवं लाल डोरा क्षेत्र को सीलिंग से छूट देने वाले स्पेशल एक्ट पर दो अप्रैल से कोर्ट में नियमित सुनवाई होगी।