बाराबंकी : सरकारी संपत्ति पर कब्जे की राह पर चल रहे माफियाओं के हौसले बुलंद!
तहलका टुडे टीम
बाराबंकी जिले में ईश्वर में निहित वक्फ नवाब अमजद अली खान की प्राचीन संपत्ति पर अवैध कब्जा किए जाने का मामला एक बार फिर सामने आया है। मोहल्ला लाजपतनगर में गोबिंद राम के पुत्र अनिल अग्रवाल, अशोक अग्रवाल,कमल अग्रवाल ,कुशल अग्रवाल और सुनील अग्रवाल द्वारा वक्फ की भूमि पर कब्जा कर पूर्व में आलीशान मकान का निर्माण कर दिया गया है। जिसका सर्किल रेट पर किराया 5 से 7 लाख रुपए महीना होता है।
इस मामले में सबसे बड़ी हैरान करने वाली बात यह है कि किराया मांगे जाने पर ये लोग फौजदारी, धमकियां और गालियों का सहारा ले रहे हैं। अधिकारियों द्वारा इस पर कार्रवाई की कोई आशा नहीं जताई जा रही।और न की जाती है,भू माफियाओं के हाथ बड़े लंबे है।
हाल ही में अनिल अग्रवाल विजय के गुर्गों ने स्टेडियम के सामने 10 फीट x 30 फीट की जमीन पर जबरदस्ती दरवाजा लगाकर कोतवाली में धमकाते हुए जिसका कैमरे में रिकॉर्ड मौजूद है ताला भी डाल दिया। स्थानीय लोगों और वक्फ अधिकारियों के अनुसार यह कदम प्रशासन की निष्क्रियता और माफियाओं के बढ़ते हौसलों को दर्शाता है।
माफियाओं के खिलाफ प्रशासन की भूमिका पर उठ रहे सवाल
मामले के अनुसार, यह जमीन न केवल अवैध कब्जे का मामला है, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई वक्फ नियमावली 2024 का भी घोर उल्लंघन है। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से पुलिस प्रशासन और सरकारी विभाग इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।
सरवर अली रिजवी, जो इस वक्फ संपत्ति के सचिव हैं, ने प्रशासन से दोषियों पर कार्रवाई करते हुए किराए की वसूली के लिए निर्देश देने की मांग की है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस मामले में माफियाओं के दबाव के आगे हार मान गया है?
मामला बढ़ा, कार्रवाई की दरकार!
लोकल निवासी और वक्फ से जुड़े लोग अब इस मुद्दे पर प्रशासन से जवाब की मांग कर रहे हैं। क्या पुलिस अपनी निष्क्रियता को छोड़ इस घिनौने खेल पर रोक लगाएगी? या फिर वक्फ की संपत्ति माफियाओं के कब्जे में और चली जाएगी?
सूत्रों की मानें तो इस कब्जे और विवाद के पीछे सर्किल रेट के आधार पर किराए के भुगतान की भी अनसुलझी प्रक्रिया है। प्रशासन अगर समय रहते इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं करता तो यह मामला और भी गंभीर मोड़ ले सकता है।
अब समय प्रशासन पर है कि वह माफियाओं के दबाव को नजरअंदाज करते हुए इस घातक कब्जे और गुंडागर्दी के खिलाफ ठोस कदम उठाए।
जनता और प्रशासन के बीच एक बड़ा सवाल : न्याय किसके साथ?