बरेली । मर्यादित रिश्तों में पनपी एक ‘कलंक कथा बुधवार को परिवार परामर्श केंद्र पहुंची तो सुनकर पुलिस भी चकरा गई। दरअसल, मामला मुस्लिम परिवार से जुड़ा है, जहां ससुर की नीयत ही बहू पर खराब हो गई। पहले उसे वश में करने के लिए साजिशन अपने बेटे को मर्दानगी घटाने की दवाएं देने लगा। फिर बहू से दुष्कर्म कर डाला। किसी तरह हिम्मत जुटाकर पीडि़ता ने प्रतिकार किया है। वह हरहाल में कार्रवाई चाहती है।
कानून में जो बनता है, उसके मुताबिक परिवार परामर्श केंद्र में सुनवाई शुरू हो गई है, लेकिन मामला शरई एतबार पर अटक गया है। इसलिए क्योंकि ससुर के दुष्कर्म का शिकार बनी महिला निकाह में नहीं रही। वह खारिज हो गया है। इस सूरत में वह दूसरी शादी तो कर सकती है लेकिन, पहले शौहर के पास किसी हाल में नहीं लौट सकती। पीडि़ता का निकाह बहेड़ी के एक गांव में किसान के लड़के से हुआ था।
दोनों का एक बेटा है। 28 वर्षीय पीडि़ता ने एसएसपी को दी शिकायत में ससुर के गुनाह बयां किए। उसे सजा दिलाने की मांग की है। खुद अपने शौहर-बच्चे के साथ रहना चाहती है। पुलिस परामर्श केंद्र में पहुंचे इस केस पर काउंसलर एडवोकेट खलील कादरी भी असमंजस में हैं। उन्होंने ससुर, पति और बहू तीनों को सामने बैठाकर बात की लेकिन, कोई हल नहीं निकला। सुनवाई के लिए अगली तारीख दी है।
शरीयत का हुक्म
मुफ्ती डॉ. एजाज अंजुम कहते हैं कि अगर कोई ससुर अपनी बहू के साथ जिना (दुष्कर्म) करता है। इस सूरत में वह बेटे के लिए हराम हो जाती है। यानी उसका निकाह बेटे से खारिज हो गया। अब शौहर के साथ नहीं रह सकती। यहां तक कि इस तरह के मामले में हलाला भी हल नहीं है। अब पीडि़ता के पास किसी दूसरे शख्स के साथ शादी करने का ही रास्ता बचा है। वह पहले शौहर के लिए हमेशा के लिए हराम हो गई।
मसला शरई अदालत में जाए
शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम कहते हैं कि मसला काफी पेचीदा है। इसे शरई अदालत में ले जाकर मुफ्ती-ए-कराम से हल कराया जाए। अगर ससुर ने जिना किया है तो शौहर को उसे तलाक देना होगी, ताकि पीडि़ता इद्दत के बाद दूसरा निकाह कर सके।
एक था इमराना कांड
मुजफ्फरनगर के चरथवाल में इमराना के साथ उनके ससुर ने दुष्कर्म किया था। वर्ष 2005 की यह घटना तब देश भर में सुर्खियों में रहीं थी। कोर्ट से आरोपी ससुर को दस साल कैद की सजा मिली थी।