लखनऊ । प्रदेश सरकार ने सोमवार को औरैया के समाज कल्याण अधिकारी विनीत तिवारी को सस्पेंड कर दिया। यह अधिकारी पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के थे। इनके पास समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त चार्ज था। इन्हें मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में नकली पायल व बिछिया दिये जाने के मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। इनके खिलाफ रविवार को औरैया में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी।
औरैया में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत फरवरी में 48 जोड़ों की शादी कराई गई थी। कुछ दिनों बाद कई नवविवाहितों ने डीएम के पास जाकर बिछिया व पायल नकली होने की शिकायत की थी। मीडिया में प्रमुखता से खबर आने के बाद इस मामले में समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने भी अफसरों से जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसी के तहत रविवार को सबसे पहले समाज कल्याण अधिकारी विनीत तिवारी को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। सोमवार को प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह ने प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण को इस अफसर के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा। इसी के बाद प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण महेश कुमार गुप्ता ने विनीत तिवारी को सस्पेंड कर दिया।
अन्य अधिकारियों की भी भूमिका ही होगी जांच
प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच सचिव समाज कल्याण सीपी सिंह को सौंपी गई है। जिला समाज कल्याण अधिकारी के साथ ही अन्य अफसरों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। उन्होंने माना कि नकली जेवर देने के मामले में अफसर ही दोषी हैं।
कन्नौज के डीएम ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट
कन्नौज में पहले से शादी-शुदा जोड़ोंं की मुख्यमंत्री विवाह योजना में दोबारा शादी कराये जाने के मामले की रिपोर्ट डीएम रवीन्द्र कुमार ने सोमवार को सरकार को सौंपी। डीएम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस मामले में ग्राम विकास अधिकारी मुकेश कटियार एवं सरवन पाल को निलंबित कर दिया गया है। दोनों ग्राम विकास अधिकारियों के साथ ही इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
गुणवत्ता व वजन में समझौता नहीं करेगी सरकार
प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने बताया कि प्रत्येक शादी में सरकार 10 हजार रुपये सामान के लिए देती है। इसमें साड़ी ब्लाउज, पायल, बिछिया, मेकअप का सामान व एक बख्सा दिया जाता है। सरकार पायल व बिछिया की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि यह कितने वजन का दिया जाएगा इसे भी तय करने पर विचार किया जा रहा है।
अब तक हो चुकी हैं सात हजार शादियां
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अब तक 7027 शादियां हो चुकी हैं। प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह ने बताया कि 31 मार्च तक 10 हजार शादियों का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि सामूहिक शादियों के लिए डीएम व सीडीओ को अपने-अपने जिलों में जिम्मेदारी दी गई है। सामान खरीद के लिए सीडीओ को जिम्मेदार बनाया गया है। सामान की गुणवत्ता में सरकार किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा।