तहलका टुडे टीम/मोहम्मद वसीक
लखनऊ:उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की दुर्दशा और प्रशासनिक लापरवाही ने गंभीर विवाद खड़ा कर दिया है। सेव वक्फ इंडिया और अल्पसंख्यक समाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अल्पसंख्यक विभाग की प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग को हटाने और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
यह मामला वक्फ संपत्तियों के अवैध कब्जों और प्रशासनिक अनदेखी का है, जिसमें प्रमुख सचिव के रवैये को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। आरोप है कि उनकी तानाशाही ने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड में सीईओ की नियुक्ति को बाधित किया है, जिससे वक्फ की संपत्तियां भू-माफियाओं के चंगुल में फंसती जा रही हैं।
सीईओ नियुक्ति में विवाद और बढ़ता प्रशासनिक दबाव
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की हालिया बैठक में वक्फ बोर्ड में सीईओ नियुक्ति का मुद्दा गरमाया। शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा भेजे गए दो नामों को लेकर प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग के तानाशाही रवैए और वक्फ एक्ट से अलग हटकर बात करने इस मामले को और उलझा दिया। वक्फ सेवर और अल्पसंख्यक समाज का कहना है कि उनकी कार्यशैली न केवल बोर्ड की कार्यक्षमता को प्रभावित कर रही है, बल्कि वक्फ संपत्तियों को भी खतरे में डाल रही है।
वक्फ की संपत्तियों पर भू-माफियाओं का कब्जा
अल्पसंख्यक विभाग की प्रमुख सचिव के रवैये के चलते वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जों में वृद्धि हो रही है। शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। वक्फ सेवकों का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही और सीईओ की निष्क्रियता ने वक्फ संपत्तियों को भू-माफियाओं के लिए आसान शिकार बना दिया है।
मंत्री और विभागीय अधिकारियों की नाराजगी
इस गंभीर स्थिति पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ओम प्रकाश राजभर, राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी, और मदरसा बोर्ड जैसे विभाग भी प्रमुख सचिव के रवैये से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। वक्फ बोर्ड और अल्पसंख्यक आयोग जैसे संस्थानों के कामकाज पर इस लापरवाही का गहरा असर पड़ा है।
सेव वक्फ इंडिया की मुख्यमंत्री से मांग
सेव वक्फ इंडिया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर मांग की है कि प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग को तुरंत हटाया जाए। उनका कहना है कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक धरोहर को बचाने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है।
समाज की उम्मीदें और मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी
वक्फ संपत्तियों का मामला केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के संरक्षण का भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उम्मीद की जा रही है कि वे इस विवाद में हस्तक्षेप करेंगे और वक्फ संपत्तियों को भू-माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराएंगे।
यह संकट सरकार के लिए न केवल प्रशासनिक चुनौती है, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय का विश्वास बहाल करने का भी अवसर है। निर्णायक कदम उठाकर मुख्यमंत्री इस मुद्दे को सुलझा सकते हैं और वक्फ संपत्तियों को संरक्षित कर सकते हैं।
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