लखनऊ । कांग्रेस के लिए राज्यसभा चुनाव में दिखी एकजुटता सुकून देने वाली बात है। राजनीतिक तौर पर खराब दौर से गुजर रही इस पार्टी ने अपने उम्दा सांगठनिक चरित्र की मिशाल पेश की। वर्ष 2016 में क्रॉस वोटिंग की मार झेल चुकी कांग्रेस के सभी सात विधायकों ने एकजुट हो बहुजन समाज पार्टी के पक्ष में मतदान किया।शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, पर्यवेक्षक प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, दीपक सिंह और विधानमंडल दलनेता अजय कुमार लल्लू वोटों की निगरानी में लगे रहे। कांग्रेस को यह सुकून है कि इससे आने वाले दिनों में बसपा से गठबंधन की राह आसान हो सकती है।
सूत्रों का कहना है कि गत लोकसभा उपचुनाव में गठबंधन में पिछड़ी कांग्रेस वर्ष 2019 पर निगाह लगाए है। माना जा रहा है कि उपचुनाव में भाजपा की अप्रत्याशित हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व गठबंधन के लिए अधिक लचीला हुआ है और इसलिए बसपा को बिना शर्त समर्थन देने का एलान किया। कांग्रेस के सभी विधायकों ने बसपा प्रत्याशी भीमराव अम्बेडकर को एकल वोट दिया ताकि प्रथम वरीयता की गिनती में भी बढ़त मिले।