तहलका टुडे टीम/रिज़वान मुस्तफा
लखनऊ:सीएम योगी ने अपने सरकारी आवास पर इंडिया फाउंडेशन एवं इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिटिकल एंड इंटरनेशनल स्टडीज, ईरान के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर हड़कंप मचा दिया है,इस दौरान उन्होंने ईरान के राजदूत डा. इराज इलाही के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की आत्मा है।
इस मुलाकात के दौरान भारत में ईरान के राजदूत डा. इराज इलाही ने कहा कि भारत-ईरान की संस्कृति और परम्पराओं में कई समानताएं है। भारत हमें अपने घर जैसा लगता है। उन्होंने सीएम योगी को ईरान आने का न्योता देते हुए कहा कि आप भी जब वहां आएंगे तो वह आपको भारत जैसा ही लगेगा। ईरान के राजदूत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने जिस तरह से अपनी स्वतंत्र और व्यवहारिक विदेश नीति को आगे बढ़ाया है वह सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की बड़ी शक्ति बनकर उभरा है। वहीं भारत की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश जिस तरह से अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है वह इस बात का संकेत है कि निकट भविष्य में भारत की अर्थव्यवस्था और तेजी के साथ आगे बढ़ेगी। ईरानी राजदूत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी में जिस तरह से कार्य हुआ है वह यहां पर आए बड़े बदलाव का सूचक है। इसको देखते हुए ईरान उत्तर प्रदेश में बड़े निवेश का इच्छुक है।
मालूम हो 8 करोड़ की आबादी के ईरान ने आईटी सेक्टर,मेडिकल टूरिज्म और एग्रीकल्चर में अपनी टेक्नालोजी का लोहा पूरी दुनिया में मनवा दिया है,और यही नहीं भारत के 6 करोड़ की शियाओ की आबादी का बड़ा भाग इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की नस्ल में से है और काफी लोग वहा शिक्षा भी ले रहे है,मेडिकल टेक्नोलजी में ट्रांसप्लांट में महारत हासिल करने के बाद अब वहा एमबीबीएस भी इंडिया की एक साल की फीस में 6साल का कोर्स करा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत और ईरान विश्व की अतिप्राचीन संस्कृतियां हैं। प्रदेश दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय सम्बन्ध को और अधिक प्रगाढ़ बनाने की दिशा में अपना योगदान प्रदान करेगा। प्रदेश के अनेक इस्लामिक धर्मगुरु ईरान की यात्रा पर जाते हैं, ईरान में प्राप्त सुखद अनुभवों को यहां साझा करते हैं। प्रदेश सरकार, भारत सरकार के सान्निध्य में न केवल इन सम्बन्धों को और मजबूत बनाने के लिए, बल्कि राजनयिक सम्बन्धों के साथ ही बी-टू-बी के माध्यम से भी इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की दिशा मंे कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने ईरानी डेलिगेशन को आमंत्रित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अनेक सेक्टर हैं, जिनमें निवेश की अपार सम्भावनाएं हैं। इन सभी सेक्टर्स के लिए 25 से अधिक सेक्टोरल पॉलिसीज़ का निर्माण किया गया है। इन पालिसीज़ के दायरे में हमारे पास पर्याप्त मात्रा में लैण्ड बैंक है। कोई भी निवेशक इन सभी सेक्टोरल पॉलिसीज़ के अन्तर्गत प्रदेश के अंदर निवेश कर सकता है। उत्तर प्रदेश, देश के अंदर निवेश का सबसे अच्छा गंतव्य है।
इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि सबसे उर्वरा भूमि और जल संसाधन हमारे पास है। उत्तर प्रदेश गेहूं, चीनी समेत तमाम अन्य खाद्यान्न संसाधनों के साथ ही फलों, सब्जियों और दुग्ध उत्पादन में नम्बर एक है। साथ ही साथ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले कुछ समय में उत्तर प्रदेश के अंदर इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम हुआ है। सीएम योगी ने कहा कि हमारे पास अच्छी कनेक्टिविटी है। आज प्रदेश का प्रत्येक कोना रेल, अच्छे हाइवे और एयर कनेक्टिविटी की सुविधा से जुड़ा हुआ है।
सीएम योगी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में नियोजित प्रयासों के साथ, यूपी देश में औद्योगिक निवेश के लिए सबसे अच्छा गंतव्य बनकर उभरा है। राज्य के प्रमुख उद्योगों में सीमेंट, वनस्पति तेल, कपड़ा, सूती धागा, चीनी, जूट, कालीन, पीतल के बर्तन, कांच के बने पदार्थ और चूड़ियां और चमड़े के सामान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ओडीओपी से वैश्विक स्तर पर अपनी एक अलग पहचान विकसित कर रहा है। उत्तर प्रदेश एक उभरती आर्थिक शक्ति के रूप में विकसित हो रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि यहां के पारंपरिक उद्योग जैसे हस्तशिल्प, कालीन निर्माण, धातु की कलाकृतियाँ, इत्र, और चमड़े के सामान भारत से निर्यात का एक बड़ा हिस्सा हैं। प्रदेश में कनेक्टिविटी भी बहुत मजबूत हुई है। आज 6 एक्सप्रेस वे संचालित हैं इसके अलावा 7 नये एक्सप्रेसवे जल्द बनकर तैयार होने वाले हैं। साथ ही पीपीपी मॉडल पर आधारित, बिजली, मेट्रो-रेल, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य और शहरी कायाकल्प में कई प्रोजेक्ट विभिन्न चरणों में हैं, जिससे आने वाले समय में व्यापार के अवसर और बढ़ेंगें।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को फ्लैगशिप डिफेंस कॉरिडोर परियोजना के लिए 11,250 करोड़ रुपये से अधिक के 93 निवेश प्रस्ताव मिले हैं। यूपी डिफेंस कॉरिडोर के अंतर्गत लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, जो भारतीय बलों के लिए नेक्स्ट जनरेशन की सुपरसोनिक मिसाइल विकसित करेगा। इसके अलावा भारत के ड्रोन क्षेत्र में 2026 तक 12,000-15,000 करोड़ रुपये का कारोबार करने का अनुमान है। सरकार की योजना आईआईटी कानपुर में ड्रोन टेक्नोलॉजी को समर्पित उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की है।
पीपीपी मॉडल पर आधारित, बिजली, मेट्रो-रेल, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य और शहरी कायाकल्प में कई प्रोजेक्ट विभिन्न चरणों में हैं, जिससे आने वाले समय में व्यापार के अवसर और बढ़ेंगें।