देहरादून : गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। राजधानी निर्माण अभियान के बैनर तले डेढ़ दर्जन से ज्यादा संगठन लामबंद हो गए हैं। 17 फरवरी को दून में विशाल मशाल जुलूस निकाल कर सरकार से इसी बजट सत्र में गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने की मांग की जाएगी।
गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान से जुड़े लोग अब सड़कों पर लामबंद होने लगे हैं। गुरुवार को दून स्थित प्रेस क्लब में एकत्र हुए लोगों ने कहा कि यदि सरकार इस बजट सत्र में गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित नहीं करती है तो वो आंदोलन को उग्र रूप देंगे। इसके लिए सभी संगठनों ने कहा कि गैरसैंण में स्थायी राजधानी बनने से पहाड़ के विकास को पंख लगेंगे।
कहा कि दून में स्थायी राजधानी बनने से पहाड़ में 17 साल बाद भी मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई हैं। अफसर और नेता पलायन कर सुविधाजनक स्थानों पर ठाठ से रहते हैं, जबकि जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रही है। अभियान दल से जुड़े रविंद्र जुगरान, रघुवीर बिष्ट, पीसी थपलियाल ने बताया कि 18 संगठनों ने 17 फरवरी को प्रस्तावित मशाल जुलूस को अपना समर्थन दिया है।
इस मौके पर सचिन थपलियाल, प्रदीप कुकरेती, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, बीएस रावत, जगमोहन मेहंदीरत्ता, जयदीप सकलानी, पुष्कर नेगी, लुशुन टोडरिया, विजय बौड़ाई, कैलाश जोशी, ललित जोशी, महेंद्र रावल, लक्ष्मण सिंह रावत, बीपी मैंदोली, गणेश धामी, प्रकाश गौड़, जयकृत कंडवाल, सूरज गुसाईं, सूरज भट्ट आदि मौजूद रहे।