
तहलका टुडे टीम
चुनाव का एलान शनिवार (8 जनवरी) को हो गया। प्रदेश में सबसे ज्यादा सात चरणों में मतदान होंगे। नतीजे 10 मार्च को आएंगे। आयोग ने बताया कि पहले चरण की वोटिंग 10 फरवरी को होगी। दूसरे फेज में 14 फरवरी, तीसरे फेज में 20 फरवरी, चौथे फेज में 23 फरवरी, पांचवें फेज में 27 फरवरी, छठे फेज में तीन मार्च और सातवें फेज में सात मार्च को वोटिंग होगी। इस बार प्रदेश में महिला वोटर्स की संख्या 29 फीसदी बढ़ी है, जो पांचों राज्यों में सबसे ज्यादा है। पिछली बार उत्तर प्रदेश में सात चरण में 11 फरवरी से आठ मार्च के बीच मतदान हुआ था और 11 मार्च 2017 को नतीजे घोषित हुए थे।
सात चरणों का पूरा शेड्यूल
पहला चरण
14 जनवरी : अधिसूचना जारी होगी
21 जनवरी : नामांकन की आखिरी तारीख
24 जनवरी : नामांकन की जांच
27 जनवरी : नाम वापसी की आखिरी तारीख
10 फरवरी : मतदान
दूसरा चरण
21 जनवरी : अधिसूचना जारी होगी
28 जनवरी : नामांकन की आखिरी तारीख
29 जनवरी : नामांकन की जांच
31 जनवरी : नाम वापसी
14 फरवरी : मतदान
तीसरा चरण
25 जनवरी : अधिसूचना जारी होगी
एक फरवरी : नामांकन की आखिरी तारीख
दो फरवरी : नामांकन की जांच
चार फरवरी : नाम वापसी की आखिरी तारीख
20 फरवरी : मतदान
चौथा चरण
27 जनवरी : अधिसूचना
तीन फरवरी : नामांकन की आखिरी तारीख
चार फरवरी : नामांकन की जांच
सात फरवरी : नाम वापसी की आखिरी तारीख
23 फरवरी : मतदान
पांचवा चरण
एक फरवरी : अधिसूचना जारी होगी
आठ फरवरी : नामांकन की आखिरी तारीख
नौ फरवरी : नामांकन की जांच
11 फरवरी : नाम वापसी की आखिरी तारीख
27 फरवरी : मतदान
छठा चरण
चार फरवरी : अधिसूचना जारी होगी
11 फरवरी : नामांकन की आखिरी तारीख
14 फरवरी : नामांकन की जांच
16 फरवरी : नाम वापसी की आखिरी तारीख
तीन मार्च : मतदान
सातवां चरण
10 फरवरी : अधिसूचना
17 फरवरी : नामांकन की आखिरी तारीख
18 फरवरी : नामांकन की जांच
21 फरवरी : नाम वापसी की आखिरी तारीख
सात मार्च : मतदान
मुख्यमंत्री पद के चेहरे
1. योगी आदित्यनाथ: भाजपा गठबंधन की ओर से मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं। 2017 में बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के लड़ी भाजपा के लिए इस बार अपना प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है। 2017 में भाजपा के सहयोगी रहे ओम प्रकाश राजभर अब समाजवादी पार्टी के साथ हैं। ऐसे में भाजपा के लिए पूर्वांचल में चुनौती बढ़ सकती है। वहीं, किसान आंदोलन के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी भाजपा के लिए 2017 जैसा प्रदर्शन करना बड़ी चुनौती होगी।
2. अखिलेश यादव: सपा के मुखिया अखिलेश यादव विपक्ष की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं। अखिलेश के तेज प्रचार ने उन्हें भाजपा के खिलाफ सबसे बड़े चेहरे के रूप में खड़ा कर दिया है। अखिलेश 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
3. मायावती: चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती इस बार भी बसपा की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगी। मायावती की पार्टी ने अब तक बड़े पैमाने पर प्रचार नहीं शुरू किया है। इस वजह से मायावती की दावेदारी पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन बसपा का वोट बैंक हमेशा मायावती के साथ रहता है। यही कारण है कि कोई भी मायावती की दावेदारी को कम करके आंकने की भूल नहीं करता है।
चुनाव के बड़े मुद्दे
1.महंगाई: विपक्षी पार्टियां लगातार महंगाई का मुद्दा उठा रही हैं। अखिलेश, प्रियंका जैसे नेता पेट्रोल-डीजल से लेकर सरसों के तेल तक के दामों का जिक्र अपनी जनसभाओं में कर रहे हैं। अमर उजाला के चुनावी रथ सत्ता का संग्राम में भी कई जिलों के वोटर्स ने महंगाई का मुद्दा उठाया था।
2. बेरोजगारी: विपक्ष लगातार बेरोजगारी का मुद्दा उठा रहा है। बेरोजगार युवाओं पर हुए लाठीचार्ज का मुद्दा भी चुनावी रैलियों में उठ रहा है। वहीं, भाजपा तीन करोड़ से ज्यादा युवाओं को रोजगार के मौके उपलब्ध कराने का दावा कर रही है। भर्ती परीक्षाओं में पर्चा लीक भी युवाओं के बीच बड़ा चुनावी मुद्दा है।
3. किसान और खाद: किसान का मुद्दा कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केंद्र को चुनाव से ऐन पहले नए कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा। इसके साथ ही कई जिलों में खाद नहीं मिलने और महंगी मिलने का मुद्दा भी है।
चुनाव प्रचार के चेहरे
1. नरेंद्र मोदी: 2014 के बाद चुनाव कहीं भी हों, भाजपा के लिए चेहरा प्रधानमंत्री मोदी ही होते हैं। उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी योगी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होने के बाद भी मोदी ही प्रचार का सबसे अहम चेहरा होंगे।
2. अखिलेश यादव: सपा गठबंधन की ओर से अखिलेश यादव ही सबसे बड़ा चेहरा होंगे। चुनाव की घोषणा से पहले ही अखिलेश यादव ने रथयात्रा निकालकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था।
3. मायावती: बसपा के लिए मायावती प्रचार का अहम चेहरा होंगी। उनके अलावा सतीश मिश्रा के पास भी चुनाव प्रचार की कमान होगी।
4. प्रियंका गांधी: 2017 के चुनाव में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने पूरा जोर लगाया था। 2019 लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल उत्तर प्रदेश में बेहद कम सक्रिय हैं। यहां प्रियंका ने ही कमान पूरी तरह से अपने हाथ में ले रखी है। इस चुनाव में प्रियंका ही कांग्रेस का चेहरा होंगी। ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ जैसे अभियान का चेहरा भी प्रियंका गांधी ही हैं।