नई दिल्ली । दिल्ली सरकार और अधिकारियों में तनातनी जारी है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से माफी मांगने की मांग पर अधिकारी संगठित होकर अपने बयान पर अडिग हैं। शायद इसी क्रम में रविवार को अवकाश होने पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने अपने निवास से उस फाइल को वापस लौटा दिया, जिसे मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से टिप्पणी के लिए उनके पास भेजा गया था।
फाइल बजट से संबंधित थी
बता दें कि विवाद के बाद अधिकारी साफ कर चुके हैं कि कार्यालय से अवकाश हो जाने पर सरकार का काम नहीं करेंगे। दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा ने आरोप लगाया है कि यह फाइल बजट से संबंधित थी। इसमें मोहल्ला क्लीनिक और पॉलिक्लीनिक योजना को लेकर मुख्यमंत्री का भाषण था। मगर मुख्य सचिव ने इसे वापस लौटा दिया और कहा कि कार्य दिवस में सोमवार को इसे कार्यालय में लेकर आएं।
घर पर नहीं थे मुख्य सचिव
वहीं, बजट से संबंधित फाइलों को लेकर हुए विवाद पर अधिकारियों की ओर से ज्वाइंट फोरम का कहना है कि विवाद के बाद भी दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी बजट पर चर्चा कर रहे हैं। साथ ही पूरा समय देकर बजट को बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि वो घर पर मौजूद नहीं थे और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दे रखा है कि उनकी गैरमौजूदगी में किसी भी चीज को स्वीकार न किया जाए।
दिल्ली सरकार नाराज
दिल्ली सरकार ने फाइल लौटाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। पहले इस मसले पर सरकार के प्रवक्ता ने ट्वीट किया। उसके बाद सरकार की ओर से प्रेस रिलीज जारी कर कहा गया कि 16 मार्च से शुरू होने जा रहे बजट सत्र से कुछ दिन पहले मुख्य सचिव ने रविवार को वार्षिक बजट भाषण की तैयारी में मुख्यमंत्री की टिप्पणियों वाली महत्वपूर्ण फाइलों को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। फाइलें मोहल्ला और पॉलीक्लीनिकों की स्थापना में जवाबदेही तय करने से संबंधित थीं। सरकार का कहना है कि इस साल बजट बनाने में एक नवीन अवधारणा पेश की जाएगी। विधानसभा के सामने प्रमुख योजनाएं और इन्हें पूरा करने के लिए कितना समय लगेगा इसे प्रस्तुत किया जाएगा। ताकि दिल्ली सरकार को विधानसभा के लिए अधिक जवाबदेह बनाया जा सके।
मोहल्ला क्लीनिक में देरी के बारे में पूछा
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को भेजी गई फाइल में लिखा कि 530 साइटों और 296 स्कूलों में मोहल्ला क्लीनिक बनाने के लिए विभिन्न विभागों से एनओसी मिलने के बाद भी इस दिशा में तेजी से काम क्यों नहीं हुआ। अभी तक केवल 243 नए मोहल्ला क्लीनिक के निर्माण के लिए एक अनुमानित समयरेखा प्रदान की गई है। इन क्लीनिकों की स्थापना से संबंधित अन्य कोई भी विवरण अब तक उल्लेख नहीं किया गया है। इसके अलावा यहां डॉक्टरों की भर्ती सहित अन्य की जानकारी भी मांगी है। सीएम द्वारा भेजी गई दूसरी फाइल 94 पॉलिक्लीनिकों के संचालन को लेकर थी।