चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला भर्ती और भूमि घोटाले में भाजपा सरकार पर पूरी तरह से हमलावर नजर आए। रोहतक में किसानों की अधिगृहीत जमीनें उदार गगन प्रापर्टीज लिमिटेड को रिलीज करने के मामले में चौटाला ने सरकार पर सीबीआइ जांच का दबाव बनाया है। यह कंपनी एक राज्यसभा सदस्य के भाई लक्ष्मी गोयल की बताई गई है।
चौटाला के अनुसार विधानसभा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रोहतक और सोनीपत में अधिगृहीत जमीनों की सीबीआइ जांच का एलान किया था, लेकिन अब रोहतक भूमि घोटाले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश आरके मदान के नेतृत्व वाले आयोग को सौंप दी गई है। इस आयोग के पास कोई पावर नहीं है। उन्होंने विधानसभा में घोषणा के बावजूद भूमि घोटाले की सीबीआइ जांच नहीं कराने के सीएम के निर्णय को विशेषाधिकार हनन माना है।
चौटाला ने इस बारे में विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का आग्र्रह किया गया है। मगर उनका कोई जवाब नहीं आया है। अब जल्द ही इस बारे में स्पीकर से मुलाकात की जाएगी। चौटाला ने कहा कि यदि स्पीकर कोई कार्रवाई नहीं करते तो इनेलो की ओर से अगले सत्र में विधानसभा में यह मामला उठाया जाएगा।
इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा व पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा के साथ मीडिया से बातचीत में चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री जानते थे कि उदार गगन कंपनी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 16 मार्च की तारीख लगी हुई है। तब सुप्रीम कोर्ट सरकार को सीबीआइ जांच के आदेश देने वाली थी। इसी वजह से सीएम ने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की और विधानसभा में 14 मार्च को ही सीबीआइ जांच का एलान कर दिया।
खुद ही भूमि घोटाले की जांच से अलग हो जाएं जस्टिस मदान
अभय चौटाला के अनुसार जस्टिस आरके मदान इनेलो की सरकार में वर्ष 2002 से और कांग्रेस की सरकार में वर्ष 2006 तक एलआर रहे। दो सरकारों में एलआर रहने वाले जस्टिस मदान को खुद ही इस जांच से अलग हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हुड्डा और राज्यसभा सदस्य आपस में मिले हुए थे। रोहतक के उदार गगन प्रापर्टी मामले में पूर्व सीएम के भतीजे भी पार्टनर की भूमिका में हैैं।
आयोग भंग कर भारती के खिलाफ दर्ज हो एफआइआर
अभय चौटाला ने भर्ती घोटाले पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर चेयरमैन भारत भूषण भारती के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की है। साथ ही भर्ती घोटाले की सीबीआइ जांच कराई जानी चाहिए। चौटाला के अनुसार पिहोवा नगर पालिका में चेयरमैन की नियुक्ति के लिए भारती के बेटे ने 50 लाख रुपये लिए थे। यह मुद्दा विधानसभा में भी उठा था।
सीएम ने जांच की बजाय भारती को तीन साल का सेवा विस्तार दे दिया गया है। चौटाला ने कांग्र्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला पर झूठा श्रेय लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे विधानसभा में आते नहीं और बाहर इस मामले में राजनीति करते हैैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री रहते हुए सुरजेवाला ने जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग में घपला किया।