बाराबंकी। भारत और पाकिस्तान का बंटवारा सियासी बंटवारा है। सियासी लोगों ने अपने मकसद के लिए मुल्कों का बंटवारा कराया है। जबकि हमारे दिलों में आज भी उतना ही प्यार है जितना बंटवारे से पहले था। इस बंटवारे की दीवार को सिर्फ महासंघ ही तोड़ सकता है। जो बात डाॅ लोहिया ने साठ के दशक में जनसंघ के नेता पं दीनदयाल उपाध्याय के साथ संयुक्त वक्तव्य में कही थी। जिस मुहिम को राजनाथ शर्मा 1965 से चला रहे है। जिसका समर्थन आवाम को करना चाहिए। जो वक्त की मांग बन गया है। यह बात गांधी भवन में डाॅ राममनोहर लोहिया की 113वीं जयन्ती पर आयोजित ‘भारत पाकिस्तान महासंघ की प्रसांगिकता’ विषयक संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे वयोवृद्ध राजनेता अमीर हैदर ने कही।
इससे पहले अमीर हैदर ने महात्मा गांधी की प्रतिमा और डाॅ राममनोहर लोहिया के चित्र पर माल्र्यापण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं शहीद दिवस पर अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरू को याद किया गया। सभा में डाॅ लोहिया के साथ आन्दोलन में सतत् सेनानी रहे अमीर हैदर को गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट ने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।
वहीं महात्मा गांधी स्पोटर्स क्लब के खिलाड़ी मो समद को स्टेट हाॅकी टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए हाॅकी किट देकर सम्मानित किया गया। सभा में वरिष्ठ समाजवादी चिन्तक शाहनवाज कादरी ने कहा कि जब तीनों देश की सीमाएं एक होंगी तब हमारी सेना का खर्चा बंद होगा। हमारी सेना के साथ किसी प्रकार का कोई उत्पीड़न नहीं होगा। हम सेना उत्पत्ति नहीं करेंगे। हम हथियार की उत्पत्ति बंद करेंगे।
हम पूरी सीमा पर दूसरे लोगों से सर्तक रहने के लिए सेना लगाएंगे। ना कि हिन्दुस्तान, पाकिस्तान से डरता रहे और पाकिस्तान, हिन्दुस्तान से डरता रहे और हम इसी डर के साए में अपनी राजनीति करते रहे। इसलिए महासंघ की प्रसांगिकता आज भी बरकरार है। भारत पाकिस्तान महासंघ के संयोजक राजनाथ शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान हमारा पड़ोसी मुल्क है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है। ऐसी परिस्थितियों में भारत को एक अच्छा पड़ोसी मुल्क होने के नाते पाकिस्तान की मदद करनी चाहिए। दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहिए। सत्ता में बैठे लोगों को यह जानना चाहिए कि पं दीनदयाल उपाध्याय ने डाॅ लोहिया को साथ लेकर महासंघ के मुद्दे को उठाया था।
जिसका आगाज बारांबकी और भोपाल में हुआ। जिसकी निरंतरता आज भी बनी हुई है। पूर्व विधायक सरवर अली ने महासंघ की मुहिम को एक जनान्दोलन बनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान महासंघ वक्त की जरूरत है। वर्तमान सरकार पाकिस्तान के नाम पर देश नफ़रत फैलाने का काम कर रही है। यह उनका सियासी नजरिया है।
जबकि वास्तविकता है कि इस बुरे वक्त में पाकिस्तान को सिर्फ भारत ही उभार सकता है। सभा को ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष मो उमैर किदवाई, आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी संस्थान के संयुक्त सचिव नवीन चन्द्र तिवारी, जयप्रकाश नाराण ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शिवशंकर शुक्ला, वरिष्ठ समाजसेवी सलाहउद्दीन किदवाई ने महासंघ की प्रसांगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए। सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया।
इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार मो मूसा खान ‘अशान्त’, डाॅ सुधाकर तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार सतीश श्रीवास्तव, पत्रकार प्रदीप सरांग, वरिष्ठ अधिवक्ता हुमायूं नईम खान, तौकीर कर्रार, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, अनवर महबूब किदवाई, मो. फारूख, श्रीनिवास त्रिपाठी, राजेश यादव, नीरज दूबे, सत्यवान वर्मा, एहतिशाम हुसैन, मो तौफीक अहमद, उमेश रावत एडवोकेट, अश्वनी शर्मा, मो अनस, वीरेन्द्र वर्मा आदि लोग मौजूद रहे।