
नई दिल्ली । सीबीआई ने आईडीबीआई बैंक लोन फ्रॉड मामले में तीन नई एफआईआर दर्ज की हैं जिसमें मछली पालन के लिए आंध्रप्रदेश की पश्चिमी गोदावरी बैंक ब्रांच से लोन जारी किए गए थे और इनके किसान क्रेडिट कार्ड अब नॉन परफार्मिंग एसेट्स बन गए हैं।
एजेंसी ने इस मामले में तीन लोगों पर आरोप लगाए हैं जिनमें बीके साहू, बैंक के रिटायर्ड डीजीएम आर दामोदरन और तब के डीजीएम बट्टू रामा राव शामिल हैं। इन तीनों एफआईआर में इनके नाम शामिल हैं। इन एफआईआर में इनके अलावा 41 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। एजेंसी का कहना है कि ये मामले 394 करोड़ रुपए, 160 करोड़ रुपए और 189 करोड़ रुपए के लोन से संबंधित हैं। ये सभी लोन साल 2009 से साल 2013 के बीच आईडीबीआई बैंक की पलांगी ब्रांच (आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले में) से जारी किए गए। ये सभी लोन किसान क्रेडिट कार्ड का फायदा उठाते हुए मत्स्य पालन के लिए दिए गए। बैंक पर आरोप यह भी लगा है कि ये सारे लोन बिना किसी लोन डॉक्यूमेंट के उपलब्ध करवा दिए गए और ये पूर्व मंजूरी और पूर्व निरीक्षण के बिना जारी किए गए।
बैंक ने वित्त वर्ष 2009 से वित्त वर्ष 2013 की अवधि में मत्स्य संवर्धन कर्ज मंजूर किया था। यह कर्ज बंटवारे से पूर्व आंध्र प्रदेश की कुछ शाखाओं से दिया गया था। कर्ज का यह मामला पांच शाखाओं हैदराबाद में बशीरबाग, गुंटूर, राजमंड्री, भीमावरम और पलांगी से जुड़े हैं। बैंक ने कहा है, ‘बाद में पाया गया कि दिए गए कर्ज में से कुछ (52 समूहों को मूल धन 772 करोड़ रुपये) कर्ज उद्योगपतियों ने फर्जी तरीके से लिए हैं। ये उद्योगपति कर्ज के लिए सामान्य गारंटीकर्ता बने थे। कर्ज के लिए ऐसे तालाबों के फर्जी दस्तावेज सौंपे गए थे जिनका अस्तित्व ही नहीं था।