लखनऊ । उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में अपनी प्रत्याशी की हार के बाद से ही बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही भारतीय जनता पार्टी है। मायावती ने आज लखनऊ में बसपा के पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला।
मायावती ने कहा कि देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में दलितों के साथ हमेशा नाटक किया है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी भले ही अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जिक्र करते है, लेकिन उनकी मानसिकता बाबा साहेब के लिए बिल्कुल विपरीत दिखती है। राज्यसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर की हार के बाद पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने आवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ लखनऊ में बैठक की। इस बैठक में मायावती बसपा कॉआर्डिनेटरों से सपा-बसपा गठबंधन को लेकर फीडबैक लेंगी।
इस बैठक दौरान मायावती ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में सिर्फ दलितों के साथ नाटक किया है। मायावती ने पीएम नरेंद्र मोदी पर दलित विरोधी होने का आरोप जड़ा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी भले ही मन की बात में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जिक्र करते है, लेकिन यह सच है कि उनकी मानसिकता बाबा साहेब के लिए बिल्कुल विपरीत थी।
मायावती ने कहा कि यही कारण है कि भाजपा-आरएसएस पिछले दशकों में सत्ता से बाहर थी। उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ राज्य सरकार भी दलितों के सम्मान की अनदेखी कर रही है। मायावती ने भजापा पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोग अक्सर ही हर जगह डॉ. अंबेडकर के नाम का जिक्र भले ही करते हैं लेकिन उन वर्गों से जुड़े लोगों पर हमला करते हैं।
यह इस तथ्य से स्पष्ट है जब भीमराव अंबेडकर (बसपा) को हारने के लिए बनाया गया था। इसी कारण अंतिम समय पर भाजपा ने एक अतिरिक्त सीट पेश की। उन्होंने कहा कि बसपा-सपा स्वार्थी जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं बल्कि भाजपा के कुशासन के खिलाफ लड़ रही है।
प्रदेश में सपा व बसपा के बीच 23 वर्ष बाद रिश्ते बेहतर हो रहे हैं। इसी सहयोग से समाजवादी पार्टी के दो प्रत्याशी लोकसभा पहुंचे हैं। बसपा ने फुलपुर-गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा उम्मीदवारों को समर्थन किया था। दोनों सीटों पर सपा उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। इतना ही नहीं भाजपा के दुर्ग गोरखपुर में भाजपा 28 साल के बाद लोकसभा का चुनाव हार गई। सपा ने राज्यसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार को समर्थन दिया था, पर बसपा उम्मीदवार जीत नहीं सका। माना जा रहा है कि अब प्रदेश में सपा व बसपा का गठबंधन बना रहेगा।