लखनऊ । प्रदेश सरकार यदि ईंट भट्ठे पर मिट्टी की रॉयल्टी खत्म करती है तो इसका सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा। ईंट के दाम 150 से 200 रुपये प्रति हजार तक कम हो सकते हैं। ईंट-भट्ठा एसोसिएशन का भी कहना है कि जब सरकार हमसे मिट्टी की रॉयल्टी नहीं लेगी तो इसका फायदा उपभोक्ताओं को ही मिलेगा।
साधारण मिट्टी से रायल्टी खत्म करने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा का असर व्यापक होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा है कि यदि भट्ठा मालिक ईंट के दाम कम करेंगे तो उनकी भी मिट्टी की रॉयल्टी माफ कर दी जायेगी। सरकार के इस निर्णय को ईंट भट्ठा मालिक भी सराहनीय मानते हैं। उनका मानना है कि यदि मिट्टी की रॉयल्टी खत्म हो जायेगी तो इससे भट्ठा मालिक कई और झंझटों से भी बच जाएंगे।
ब्रिक एसोसिएशन के महामंत्री मुकेश मोदी कहते हैं कि अभी 19 पाये के भट्ठों के लिये करीब 1.79 लाख रुपये सालाना रॉयल्टी लगती है। इसमें 25 से 30 लाख ईंट सालाना बनती हैं जिसमें आधी ईंट भी अव्वल नहीं निकल पाती। ऐसे में ईंट के ताम 150 रुपये से लेकर 200 रुपये प्रति हजार तक कम हो सकते हैं।
ईंट-भट्टा मालिक शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि अभी सरकार 15 पाये के भट्टे की रायल्टी 1,45,500 रुपये लेती है। इसमें खनिज फाउंडेशन न्यास व पीली बालू पलोथन का भी 10-10 फीसद पैसा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 15 पाये से ऊपर जितने भी अधिक पाये के भट्ठे होंगे उसमें 5400 रुपये प्रति पाये के साथ 20 फीसद खनिज फाउंडेशन न्यास व पीली बालू पलोथन का जोड़ा जायेगा। ऐसे में 29 पाये के भट्ठे की रॉयल्टी 2,35,720 रुपये है। यह अगर नहीं पड़ेगी तो 150 से 200 रुपये प्रति हजार रुपये तक ईंट के दाम कम हो जायेंगे।
ईंट-भट्ठों से सरकार को मिलती करीब 250 करोड़ की रॉयल्टी
प्रदेश में इस समय 15179 ईट भट्ठे हैं। इनसे सरकार को वर्ष 2016-17 में 195.72 करोड़ रुपये रॉयल्टी मिली थी। इस वर्ष इसकी रॉयल्टी 250 करोड़ रुपये से अधिक मिलने की उम्मीद है। साथ ही सरकार साधारण मिट्टी से वर्ष 2016-17 में 325 करोड़ रुपये रॉयल्टी मिली थी। इस वर्ष इसमें भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद थी।
क्या है रायल्टी
यह एक निश्चित प्रकार का भुगतान है। इसमें खनन की मात्रा के अनुसार सरकार को राजस्व हासिल होता है। सभी प्रकार के खनिजों के खनन पर रायल्टी वसूल की जाती है।
मुख्यमंत्री की इच्छानुसार मिट्टी की रॉयल्टी खत्म करने के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री कार्यालय से घोषणा का पत्र आते ही इसका कैबिनेट प्रस्ताव तैयार किया जायेगा।
– बलकार सिंह, निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म