वाराणसी । दो वर्ष पहले बदहाल काशी के विकास की तस्वीर बदल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सजगता का असर अब दिखाई पडऩे लगा है। बनारस बदल रहा है, परियोजनाएं धरातल पर उतर रही हैं। विकास को गति मिली है, कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग की रिपोर्ट यही कह रही है। विकास कार्य के मसले पर मार्च 2016 में जहां बनारस प्रदेश में 30वें स्थान पर था, वहीं मार्च 2018 में चौथे स्थान पर काबिज हो गया है। 136 विकास कार्यक्रमों में शहर को 75.38 प्रतिशत अंक मिले हैं।
मार्च 2018 को कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग ने सूबे के सभी 75 जिलों में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। चार श्रेणी में विकास कार्यों को लेकर अंक निर्धारित किए गए। मार्किंग देने के लिए प्रत्येक जिले को ए, बी, सी, डी व एन श्रेणियों में विभाजित किया गया। अब हर कार्यक्रम की प्रगति के हिसाब से अंक दे दिए गए हैं। प्रत्येक जनपद की रैंकिंग रिपोर्ट जारी कर दी गई है। समीक्षा में पाया गया कि बनारस में 136 विकास कार्यक्रम प्रभावी किए जाने थे, जिसमें 134 विकास के कार्यक्रम शत प्रतिशत लागू कर दिए गए हैं।
715 पूर्णांक तय हुए थे, जिसमें बनारस को 539 अंक मिले हैं। बता दें कि जारी हुई रैंकिंग में बिजनौर पहले, जबकि मेरठ शहर को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि ज्यादातर विभागों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, सजगता की वजह से बनारस की स्थिति विकास के दृष्टिकोण से बेहतर हुई है।
जारी रैंकिंग में ‘टॉप-10 शहर
जनपद पूर्णांक प्राप्तांक रैंकिंग
बिजनौर 655 510 01
मेरठ 695 533 02
गौतमबुद्ध नगर 650 493 03
वाराणसी 715 539 04
रामपुर 695 520 05
भदोही 640 478 06
मुजफ्फरनगर 690 513 07
गाजियाबाद 645 478 08
जालौन 680 501 09
हापुड़ 675 497 10