 
        नई दिल्ली । अमरीका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वॉर की वजह से भारत को ईरान से तेल खरीदने की छूट मिल सकती है। माना जा रहा है कि 4 नवम्बर से अमेरिका के प्रतिबंध लागू होने के बाद भी भारत ईरान से कच्चा तेल आयात करता रहे। दरअसल चीन के ऑयल आयातक यूनिपेक ने यूएस शिपमैंट को रोक दिया है।
बताया जा रहा है कि चीन अमरीका के कच्चे तेल पर भी आयात शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है। हालांकि चीन ने पिछले सप्ताह शुल्क की जो लिस्ट जारी की है उसमें कच्चा तेल शामिल नहीं था। जानकारों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कुछ शिप रास्ते में थे और रिफाइनर्स के साथ उनका सौदा पहले से हो चुका था।
कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि चीन अमरीका से सौदेबाजी करके सस्ती कीमतों में तेल खरीदना चाहता है। उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि दोनों ही स्थितियां भारत के लिए फायदेमंद हैं। चीन एशिया में सबसे बड़ा तेल आयातक है और ईरान का भी बड़ा ग्राहक है। भारत ईरान से तेल खरीदने वाला दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है।
रिफानिंग कम्पनियों के अधिकारियों के मुताबिक अगर चीन यूएस से तेल नहीं खरीदता है तो उसका बड़ा आयातक भारत बचेगा। ऐसे में भारत पांच-छह प्रतिशत आयात बढ़ा सकता है। ऐसे में भारत के पास अमरीका से अपनी शर्त मनवाने का मौका होगा और प्रतिबंधों को लेकर भी अपनी बात मनवाई जा सकती है।

 
         
        