बाराबंकी:सुबह का वक्त था तीन गाड़ियों के काफिले के साथ उतरते है, हाथ जोड़े मुट्ठी भीजकर डबडबाई आंखो से अशोक भैय्या के निधन का पुरसा हर दिल अजीज पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप को देते है,कुछ कहते है,आंखे अश्कों से भरने लगती है,उनके चित्र की तरफ देखते है,गुलाब के फूल की पंखुड़ियां श्रद्धांजलि में बदल जाती है,खामोश खड़े है,शायद वो पुरानी यादें ताजा हो जाती है,बाराबंकी के डीएम रहते हुए जिला पंचायतं के अध्यक्ष के चुनाव में निर्विरोध चुने जाने पर सर्टिफिकेट दिया था,
ये सज्जन और कोई नही आपके चहेते और बाराबंकी के इतिहास में बेहतरीन डीएम रहे योगेश्वर राम मिश्रा जी थे,अब कमिश्नर सोनभद्र है।
जो तकरीबन साल भर बाराबंकी के डीएम रहे है,और अपने बेहतरीन मिजाज और विकास के कार्यों में आवाम में बेहद मकबूल थे,काफी दिन तक तहजीब और तमीज के शहर लखनऊ के बाद अवध के द्वार बाराबंकी फिर इंसान के अंदर संस्कार और इंसानियत सिखाने वाले पुरषोत्तम श्री राम जी की अयोध्या,और यहां से शिव की नगरी काशी, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी तक इंसानियत की खिदमत का सफर डीएम की हैसियत से करते हुए इन इलाकों में अपनी याद और छाप छोड़ते हुए अब सोनभद्र में कमिश्नर है, मां विंध्यवासिनी की दर्शन करने आने वालों के सेवक की भूमिका में भी नजर आते है,इस मौके पर मौजूद तहलका टुडे के एडिटर सैयद रिज़वान मुस्तफा से खासकर मिले खैरियत हाल चाल लिए, पीठ पर हाथ रखकर थप थपाए।
आज अशोक भैय्या को पुरसा देने वालो में पूर्व विधायक संगीत सोम, मेयो इंस्टीट्यूट की चेयरमैन डा मधुलिका सिंह,योगेश्वर विधायक अरुण सिंह,विधायक त्रिभुवन राम, डा डी आर सिंह,जागरण के ब्यूरो चीफ के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।