तहलका टुडे टीम
बाराबंकी-बैंको के स्टाफ के हालात बेहद खराब है,किसानों को अपनी रकम निकालने में इतने अड़ंगे लगाये जाते है कि चक्कर काट रहे किसानतड़प तड़प कर मर गया लेकिन इनको तरस नही आया,पुछने गये पत्रकार की भी बैंक मैनेजर ने फ़ज़ीहत कर बैंक में बंधक बनाकर खूब धमकाया, मामला थाना असन्द्रा अन्तर्गत नई सड़क तिराहे पर स्थित आर्यावर्त ग्रामीण बैंक की शाखा मोतिकपुर का है।
पिछले एक पखवारे से बैंक से अपना पैसा निकालने के खातिर उक्त गरीब व्यक्ति चक्कर काट रहा था। लेकिन इन बैंक कर्मचारियों ने उसका पैसा नही निकाला था। जब बैंक के सामने उक्त व्यक्ति ने दम तोड़ा तो हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने सड़क जामकर प्रदर्शन किया और शाखा प्रबंधक व उनके कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किये जाने की मांग की।
जानकारी के अनुसार, ग्राम पूरे टोडी मजरे पैगंबरपुर निवासी रामराज पुत्र गंजई उर्फ इनई लगभग 45 वर्ष का खाता आर्यव्रत ग्रामीण बैंक शाखा मोतिकपुर में है।
कागजों में नाम किन्ही कारणों बस गलत अंकित हो गया था। कागजों को सही कराकर कैंसर पीड़ित दिव्यांग रामराज आज शुक्रवार को आर्यावर्त ग्रामीण बैंक दवा के लिए पैसे निकालने गया हुआ था। लेकिन शाखा प्रबंधक द्वारा कागज सही होने के बावजूद भी उसका पैसा नहीं निकाला गया।
जिससे कैंसर पीड़ित रामराज की बैंक के सामने मौत हो गई। मौत की खबर सुनते ही क्षेत्रीय लोग एकत्रित हो गए और हैदरगढ़ नई सड़क मार्ग जाम कर दिया और शाखा प्रबंधक व अन्य कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की मांग करते हुए जमकर
प्रदर्शन किया।
महिलाएं बीच सड़क पर लेट गयी और यह कहा कि जब तक शाखा प्रबंधक के विरुद्ध कार्यवाही नही की जायेगी तब तक उक्त प्रदर्शन जारी रहेगा।
जैसे ही उक्त घटना की जानकारी थाना प्रभारी असन्द्रा को हुई तो वह पूरे दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और किसी तरह से ग्रामीणों को समझा बुझाकर सड़क जाम खुलवाया। करीब दो घण्टे तक ग्रामीणों का प्रदर्शन जारी रहा।
जिसके कारण हैदरगढ़ रामसनेहीघाट और बाराबंकी मार्ग जाम रहा। इस सम्बन्ध में थाना प्रभारी असन्द्रा का कहना था कि अभी तहरीर नही मिली है।तहरीर मिलने के बाद ही कोई कार्यवाही की जायेगी।
वही एक पत्रकार मोहम्मद रज़ी जब इस संबंध से बैंक मैनेजर से पूछने गया तो उसको बैंक में बंद कर दिया गया।और धमकाया गया।
थाने में प्राथना पत्र देने के बाद भी अभी तक मुकदमा दर्ज नही हुआ है।
दलालों के इशारे पर चलता है बैंक
बाराबंकी। आर्यावर्त ग्रामीण बैंक मोतिकपुर में अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक इतने बेलगाम हो चुके थे कि अपना पैसा निकालने के लिये गरीब किसानों को दर्जनों बार बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे थे। बैंक में सक्रिय दलालों के
माध्यम से पैसा बड़े आराम से निकल जाता था। लेकिन जिस खाताधारक ने दलालों
से सम्पर्क नही किया तो उसको अपना खुद का पैसा निकालने के लिये नाको चने चबाने पड़ते थे।