नई दिल्ली: त्रिपुरा में रूसी क्रांति के नायक व्लादिमिर लेनिन की मूर्ति को गिराने का सिलसिला जारी है. ऐसा ही एक और मामला मंगलवार को सामने आया है. इससे पहले सोमवार को बेलोनिया में भी लेनिन की एक मूर्ति को गिराया गया था. दूसरा मामला दक्षिण त्रिपुरा का है. लेनिन की मूर्तियों को गिराने की घटनाओं के सामने आने के बाद से राजनीति भी तेज हो गई है. तृणमूल कांग्रेस ने ऐसी घटनाओं को लिए भाजता को जिम्मेदार ठहराया है. गौरतलब है कि पिछले दिनों में राज्य में विधानसक्षा चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद से ही ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं.
जिला पुलिस के अधीक्षक मोनचाक इप्पर के अनुसार दूसरी घटना सबरूम में हुई. यहां भीड़ ने लेनिन की एक छोटी मूर्ति को गिरा दिया. इन सब के बीच त्रिपुरा के होने वाले मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने राज्य के लोगों से अपील की है कि वह शांति बनाए रखें. उन्होंने कहा कि ऐसी हिंसा में शामिल होने वाले लोगों को दंडित किया जाएगा. इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी त्रिपुरा के राज्यपाल और पुलिस महानिदेशक से भी बात की. उन्होंने नई सरकार के कार्यभार संभालने तक स्थिति को नियंत्रण में रखने को कहा.
राज्य में लेनिन की मूर्तियों को गिराए जाने की घटना की पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कड़े शब्दों में निंदा की. साथ ही उन्होंने ऐसी घटनाओं के लिए भाजपा व आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया.
वहीं त्रिपुरा माकपा के जिला सचिव तपस दत्ता ने आरोप लगाया कि पार्टी पोलित ब्यूरो के सदस्य और पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने कुछ महीने पहले, जिस प्रतिमा का अनावरण किया था उसे भाजपा कार्यकर्ताओं ने गिराया. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी ऐसी घटनाओं की निंदा की .