नई दिल्ली : सरकार की वित्तीय स्थिति में जुलाई माह के दौरान सुधार आया है। इस दौरान उसका राजकोषीय घाटा पूरे साल के बजट अनुमान का 86.5 फीसदी रहा। राजस्व संग्रह बढ़ने से स्थिति में सुधार दिखा है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। एक साल पहले जुलाई के आखिर में सरकार का राजकोषीय घाटा पूरे वर्ष के बजट अनुमान का 92.4 फीसदी तक पहुंच गया था।
चालू वित्त वर्ष 2018- 19 के शुरुआती चार माह के दौरान राजकोषीय घाटा आंकड़ो के मुताबिक 5.4 लाख करोड़ रुपए रहा। बजट के मुताबिक सरकार को इस साल राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.3 फीसदी रखना है। पिछले वित्त वर्ष 2017- 18 में यह 3.53 फीसदी रहा था। चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को वर्ष की समाप्ति पर 6.24 लाख करोड़ रुपए रखना है जो कि चार माह की समाप्ति पर 5.4 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है। जुलाई माह में राजस्व प्राप्ति बेहतर होने से घाटे की स्थिति में सुधार हुआ है।
महालेखा नियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई अंत में कर संग्रह 2.92 लाख करोड़ रुपए रहा है जो कि पूरे वर्ष के बजट अनुमान का 19.8 फीसदी रहा है। अप्रैल से जुलाई 2018 की अवधि में सरकार की कुल प्राप्ति 3.49 लाख करोड़ रुपए रही है। यह बजट अनुमान का 19.2 फीसदी है। पिछले वर्ष 2017- 18 की इसी अवधि में कुल प्राप्ति बजट अनुमान का 19 फीसदी रही थी।
महालेखा नियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार चार माह की अवधि में कुल व्यय 8.89 लाख करोड़ रुपए रहा जो कि पूरे वर्ष के बजट अनुमान का 36.4 फीसदी रहा। एक साल पहले के मुकाबले व्यय अनुपात अधिक है। इस दौरान पूंजी व्यय 1.11 लाख करोड़ रुपए। यह राशि बजट अनुमान का 37.1 फीसदी रही है।
सतीश मोरे/01सितंबर
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