लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा है कि देश में पिछले चार वर्षों से अघोषित इमर्जेंसी जैसे हालात हैं। उन्होंने कहा कि इससे लोग काफी ज्यादा घुटन और त्रस्त महसूस कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने भाजपा शासित केन्द्र और राज्य सरकारों पर गरीब, मजदूर, किसान, दलित और पिछड़ा वर्ग-विरोधी होने का आरोप लगाया।
साथ ही उन्होंने दो टूक कहा कि इस पार्टी को इन वर्गों हित के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है।
मायावती ने कहा कि 1975 में कांग्रेस द्वारा देश पर थोपी गई ‘राजनीतिक इमर्जेंसी’ की याद बार-बार ताजा की जाती है जबकि पूरे देश को भाजपा सरकार की ‘नोटबन्दी की आर्थिक इमर्जेंसी’ की मार झेलनी पड़ी है,
उस पर बात नहीं हो रही। मायावती ने कहा कि भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकारें खासकर उत्तर प्रदेश की सरकार गरीबों, मजदूरों, किसानों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों का शोषण और उत्पीड़न कर रहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इन वर्गों को जीने के मौलिक अधिकार और आरक्षण के संवैधानिक अधिकार से भी वंचित रख रही है।
