प्रतापगढ़ । रात आठ बजे तक इस जिले के गांवों में सोता पडऩे लगता है लेकिन, पट्टी तहसील के कंधई मधुपुर में इस समय भी खासा उत्साह था। इसकी वजह भी थी। पहली बार उनके दरवाजे पर मुख्यमंत्री थे और रात में ठहरने भी जा रहे थे। योगी की चौपाल में लोगों को अपनी बात कहने का मौका भी मिलने वाला था। इसीलिए जब चौपाल लगी तो किसी ने कोई संकोच भी नहीं किया और जब सीएम ने पूछा कि लोगों को शौचालय मिला? तो जवाब आया-‘सिर्फ गड्ढा खोदकर चले गए।
योजनाओं की पोल खुल न जाए इसलिए जिले के अफसरों ने जनता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच होने वाली चौपाल में खासी दूरी बना दी थी। मुख्यमंत्री के मंच के सामने जनसभा की तरह डी बना दी गई थी। इस डी के बाद मीडिया और पब्लिक बैठी थी। नाराज सीएम ने खुद व्यवस्था संभाल ली। उन्होंने पब्लिक से आगे आने के लिए कहा तो पूरे परिसर में भगदड़ सी मच गई।
चंद मिनट में ही उनके सामने डी में महिलाएं आकर बैठ गईं। जब मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास, शौचालय और राशन कार्ड मिले हैं? तब ग्रामीणों ने एक एक कर पोल खोली। किसी ने बताया कि खाते में पैसा नहीं आया तो किसी ने अपात्रों को लाभ मिलने की बात बताई। राशन कार्ड बनने और राशन मिलने में धांधली की जानकारी भी खुलकर दी। इसके अलावा शौचालय के नाम पर केवल गड्ढे होने की बात भी मुख्यमंत्री को बता दी।
यह सुनकर मुख्यमंत्री का पारा चढ़ गया, उन्होंने तत्काल डीएम शंभु कुमार, सीडीओ राजकमल यादव और जिला पंचायत राज अधिकारी शशिकांत पांडेय को बुला लिया। उनसे सवाल पूछे और सख्त लहजे में कहा कि कल ही कैंप लगाकर सारी सुविधाएं ग्रामीणों को मुहैया करवा दें, वर्ना खैर नहीं होगी। फिर उन्होंने आवास से लेकर सारी योजनाओं की सूची सुनाने के लिए अफसरों से कहा ताकि वे जनता से इसकी तस्दीक कर सकें।
इस दौरान वहां मौजूद सारे अफसरों के चेहरे पर तो हवाइयां उड़ती दिखीं लेकिन, जनता गदगद नजर आई। योगी ने डीएम को निर्देश दिए कि मंगलवार से गांव में हफ्ते भर का विशेष कैंप लगाएं और योजनाओं का लाभ दें। चलते-चलते योगी ने कहा कि मैं यहीं रुका हूं। मंगलवार को मैं पेयजल योजना का निरीक्षण करूंगा। रात करीब 9 बजकर 10 मिनट पर योगी की चौपाल खत्म हुई।
यह सुनकर मुख्यमंत्री का पारा चढ़ गया, उन्होंने तत्काल डीएम शंभु कुमार, सीडीओ राजकमल यादव और जिला पंचायत राज अधिकारी शशिकांत पांडेय को बुला लिया। उनसे सवाल पूछे और सख्त लहजे में कहा कि कल ही कैंप लगाकर सारी सुविधाएं ग्रामीणों को मुहैया करवा दें, वर्ना खैर नहीं होगी।
फिर उन्होंने आवास से लेकर सारी योजनाओं की सूची सुनाने के लिए अफसरों से कहा ताकि वे जनता से इसकी तस्दीक कर सकें। इस दौरान वहां मौजूद सारे अफसरों के चेहरे पर तो हवाइयां उड़ती दिखीं, लेकिन जनता गदगद नजर आई। मुख्यमंत्री और उनके बीच न तो अफसर था न ही कोई जनप्रतिनिधि।