इलाहाबाद । पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2015 की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कराने की तैयारी है। चौंकिए मत, किसी गड़बड़ी पर यह पुनर्मूल्यांकन उप्र लोकसेवा आयोग नहीं बल्कि, सीबीआइ के विशेषज्ञ करेंगे। प्रथम चरण में सभी चयनितों की उत्तर पुस्तिकाएं देखी जाएंगी। उसके बाद मुख्य परीक्षा में शामिल सभी अन्य अभ्यर्थियों की कापियां भी चेक होंगी। इन कापियों की जांच करके सीबीआइ यह पता लगाएगी कि कितने ऐसे अभ्यर्थी चयनित हुए हैं जिनकी योग्यता निम्न स्तर की है और नियमों को दरकिनार कर उन्हें आगे बढ़ाया गया।
उप्र लोक सेवा आयोग से पांच साल के दौरान हुई सभी भर्तियों की जांच कर रही सीबीआइ के निशाने पर पीसीएस 2015 परीक्षा है। तीन अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं भी प्रारंभिक जांच के दायरे में हैं। सबसे अधिक शिकायतें पीसीएस 2015 को लेकर ही हैं जिनकी ओर जांच अधिकारियों के कदम तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले दिनों आयोग से सीबीआइ ने पीसीएस 2015 की सभी मूल उत्तर पुस्तिकाएं मांग ली हैं। आयोग के सूत्र बताते हैं कि प्रथम चरण में सीबीआइ ने 520 चयनितों की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं ही मांगी हैं। इसके बाद सीबीआइ मुख्य परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं लेगी।
सीबीआइ ने अब तक की जांच पड़ताल में कई ऐसी खामियां पकड़ीं हैं जिन्हें पुख्ता करने के लिए उत्तर पुस्तिकाओं को देखना आवश्यक हो गया है। नंबरों की स्केलिंग व मॉडरेशन के नाम पर एक विशेष जाति वर्ग के अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ देने की शिकायतों के मद्देनजर सीबीआइ के विशेषज्ञ जल्द ही उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करेंगे।
आयोग का कहना है कि सीबीआइ ने प्रथम चरण में पीसीएस 2015 के चयनितों की मूल कापियां मांगी हैं। जांच टीम अपने स्तर पर उनका पुनर्मूल्यांकन कराएगी या अन्य कोई प्रक्रिया अपनायी जाएगी, इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन इतना तय है कि मूल कापियां मांगने के पीछे पुनर्मूल्यांकन से इतर दूसरा कोई उद्देश्य भी नहीं प्रतीत होता है।