रामपुर । मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए चकरोड और ग्राम समाज की जमीन लेने के मामले में राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश ने पूर्व आजम खां के खिलाफ चार मुकदमे चलाने को मंजूरी दे दी है। मामले में अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी। आजम खां इस यूनिवर्सिटी के संस्थापक होने के साथ ही कुलाधिपति भी हैं।
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर आजम खां के खिलाफ राजस्व परिषद में 14 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
इनमें चार मुकदमे ग्राम समाज और चकरोड की जमीन को लेकर हैं, जबकि 10 मुकदमें दलितों की जमीन बिना अनुमति के खरीदने के हैं। ग्राम समाज और चकरोड की जमीन को लेकर मुकदमे पिछले साल नवंबर में दायर हुए। इनके दायर करने पर ही आजम खां की ओर से आपत्ति जताई गई। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क सुनने के बाद अदालत राजस्व परिषद ने चारों मामलों को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया।
यह है मामला
जौहर यूनिवर्सिटी में चकरोड और रेत नदी की भूमि को लेकर मुकदमे किए गए हैं। इस भूमि को लेने के लिए 2012 में आजम खां ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष की हैसियत से उपजिलाधिकारी टांडा के न्यायालय मे आवेदन किया था। उन्होंने रेत नदी एवं चकरोड की जमीन के बदले में अपनी जमीन देने को कहा। इस पर एसडीएम ने भूमि का विनिमय करते हुए आजम खां के पक्ष में फैसला सुना दिया। इसके बाद अपील में सात नवंबर 13 को कमिश्नर की कोर्ट ने भी एसडीएम के फैसले को सही ठहराया।
सूबे में भाजपा की सरकार बनने पर इस मामले में शिकायत हो गई। पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के पुत्र भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने शिकायत की जांच में भूमि का विनिमय करने में अनियमितता बरतने की बात सामने आई। जांच के बाद अदालत राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश इलाहाबाद में जिलाधिकारी की ओर से मंडलायुक्त के आदेश के खिलाफ दो मामलों में अपील की गई। इसके बाद दो मुकदमें जिलाधिकारी से अनुमति लेकर गांव सभा की ओर से इस्माईल आदि ने चकरोड व रेत नदी की जमीन को लेकर कराए।