बागपत । उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने पर राष्ट्रीय लोकदल से बर्खास्त पार्टी के इकलौते विधायक सहेंद्र सिंह ने पार्टी के मुखिया पर बेहद गंभीर आरोप जड़ा है। बागपत के छपरौली से विधायक सहेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि पार्टी के अध्यक्ष अजित सिंह ने मेरी क्षमता का दुरुपयोग व दोहन किया है। विधायक सहेंद्र रमाला ने अजीत सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
बागपत में रालोद से निष्कासित छपरौली विधायक सहेंद्र सिंह ने पत्रकार वार्ता में कहा कि पार्टी का इकलौता विधायक होने के नाते मेरे को लेकर अजित सिंह दोनों हाथ में लड्डू लेकर खड़े थे। वह एक तरफ मुझ पर भाजपा से गठबंधन करवाने का दवाब बना रहे रहे थे तो दूसरी और मायावती से गठबंधन करने के लिए उनसे लगातार संपर्क में थे। विधायक ने अजीत सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बहन मायावती को खुश करने के लिए अजीत सिंह ने मुझे बलि का बकरा बनाया है। अजीत सिंह कैराना उपचुनाव में बीएसपी के समर्थन से लड़ना चाहते हैं, इसलिए बहन जी को खुश करने के लिए अजीत सिंह ने बिना स्पस्टीकरण के मुझे पार्टी से निकाला। विधायक का आरोप है कि पिछले 6 महीने से बीजेपी से गठबंधन कराने के लिए अजीत सिंह उन पर दबाव बना रहे थे। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले अजीत सिंह बीजेपी से गठबंधन करना चाह रहे थे। अजीत सिंह ने विधायक से कहा था कि आपके बीजेपी के साथ अच्छे संबंध हैं, इसलिए आप बीजेपी के लोगों के टच में रहें और 2019 से पहले गठबंधन कराए।
विधायक इतने में पर ही नहीं रुके, उन्होंने अजीत सिंह पर राजनीतिक स्वार्थ के लिए खुद को मोहरा बनाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिए अजीत सिंह ने उन्हें कोई गाइड लाइन जारी नहीं की थी। उन्होंने जनहित में सरकार का समर्थन किया।
सहेंद्र ने कहा कि अजित सिंह ने अपने बेटे जयंत चौधरी को कैराना से उपचुनाव लड़ाने के लिए मेरी बलि दे दी। मैंने क्षेत्र के विकास के लिए भाजपा को वोट दिया। उधर, रालोद के पूर्व विधायक वीरपाल राठी ने भी प्रेसवार्ता बुलाकर कहा कि विधायक सहेंद्र रमाला ने क्षेत्र की जनता को धोखा देकर चौधरी चरण सिंह की टोपी को बेच दिया।