लखनऊ । सरकारी अफसरों और कर्मचारियों की कामचोरी के किस्से तो आपने कई सुने होंगे लेकिन, यह कहानी उस कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अफसर की है जिसने मां की मौत का गम भुलाकर अपना ड्यूटी धर्म निभाया। सहारनपुर में यूपी डायल 100 के दारोगा भूपेंद्र सिंह तोमर ने बेटी की मौत की सूचना मिलने के बाद भी दुर्घटना में घायल युवक को अस्पताल पहुंचाकर अपना फर्ज निभाया था, अब लखनऊ के इंस्पेक्टर आनंद शाही ने भी मिसाल पेश की है।
इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद शाही छुट्टी पर थे। दरअसल, माता-पिता के इकलौते बेटे शाही की मां का स्वर्गवास हो गया था। मूलरूप से बिहार के सिवान देवपुरा निवासी शाही की मां शारदा देवी (66) की किडनी खराब थी। उनके पिता रवींद्र शाही 14 मार्च को शारदा देवी को डायलिसिस के लिए पीजीआइ ले गए थे। डायलिसिस के बाद रास्ते में शारदा देवी की तबीयत खराब हुई। उन्हें रिंग रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद आनंद शाही छुट्टी पर चले गए।
शारदा देवी का 23 मार्च को दसवां और 25 मार्च को तेरहवीं है। इसी बीच सोमवार को उन्हें सुबह 11 बजे थाने से सूचना मिली कि लामार्टीनियर के छात्र अर्णव का अपहरण हो गया है। उनके थाना क्षेत्र का यह एक हाई प्रोफाइल केस था। धर्मसंकट था कि एक तरफ माता का दसवां व तेरहवीं अभी बाकी है। उन्हें परंपरा निभानी थी। व्यक्तिगत दुख जो था, उसे तो सिर्फ वही महसूस कर सकते हैं। उन्होंने बिना समय गंवाए बीच में छुट्टी निरस्त कर दी और ड्यूटी पर पहुंच गए।
इसके बाद एसएसपी दीपक कुमार से मिले और उनके निर्देश पर अपहरणहर्ताओं को पकडऩे के लिए सीतापुर के लिए रवाना हो गए। उसी दिन आनंद शाही ने पुलिस टीम के साथ अगवा छात्र अर्णव को सकुशल बरामद करके एक अपहर्ता को धर दबोचा, बाद में दूसरे को भैंसाकुंड रोड पर एनकाउंटर में घायल कर पकड़ लिया। इस बीच कर्तव्य निष्ठा के आगे उन्होंने कहीं भी अपने व्यक्तिगत दुख को प्रकट नहीं किया।
सिर्फ कुछ साथियों को ही पता था। आनंद शाही पहले भी कई मौकों पर अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को दरकिनार करके ड्यूटी का फर्ज निभा चुके हैं। अब शुक्रवार को स्थानीय नागरिकों ने उन्हें व अन्य पुलिसवालों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। हालांकि, असली सम्मान तभी होगा जब अन्य पुलिसवाले भी उनसे सबक लेकर फर्ज पर डटने का संकल्प लें।
डीजी कमांडेंट डिस्क सम्मान की घोषणा
इंस्पेक्टर आनंद शाही के साथ अन्य पुलिस टीम को डीजीपी ने डीजी कमांडेंट डिस्क सम्मान देने की घोषणा की है। डीजीपी ने आनंद शाही समेत अन्य पुलिसकर्मियों को अपने कार्यालय बुलाकर उनकी पीठ थपथपाई थी। साथ में चाय भी पिलाई थी।