नई दिल्ली । आज केजरीवाल सरकार वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए बजट पेश करेगी। विपक्ष समेत लोगों की नजर सरकार की नई घोषणाओं और योजनाओं पर टिकी है। उधर, विपक्ष ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा पेश की गई आउट कम बजट की रिपोर्ट को विपक्ष ने आंकड़ों की बाजीगरी करार दिया है।
दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यदि केजरीवाल सरकार आउटकम बजट पर वाकई में गंभीर है तो उसे आम आदमी पार्टी (आप) के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए 70 वादों का विश्लेषणात्मक रिपोर्ट पेश करनी चाहिए थी। इससे दिल्ली के लोगों को यह पता चलता कि जिस आधार पर उन्होंने आप को वोट दिया था उसमें से कितने वादे पूरे हुए हैं। प्रतिपक्ष नेता ने कहा कि आउटकम बजट तभी सार्थक होता जब सरकार अपने सभी चुनावी वादों पर संपूर्ण प्रस्तुति देती।
विपक्ष का कहना है कि सरकार ने आंकड़ेबाजी कर अपनी पीठ ठोकने की कोशिश की है। मगर इस आउटकम बजट की सच्चाई कुछ अलग है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में लागू किया गया यह ऐसा आउटकम बजट रहा है, जिसमें बजट में घोषित विकास की बड़ी योजनाओं को ही बाहर कर दिया गया। कारण यह था कि सरकार यदि इन योजनाओं को आउटकम बजट में शामिल करती तो सरकार का आउटकम बजट फेल साबित होता। ऐसे में इन योजनाओं को आउटकम बजट में नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने 500 स्कूलों के निर्माण, अस्पतालों में 30 हजार अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था करने, एक हजार मोहल्ला क्लीनिक बनाने, जगह-जगह आम आदमी कैंटीन खोलने, मोहल्ला सभाएं स्थापित करने, दो हजार नई बसें खरीदने, 50 हजार महिला शौचालय बनाने, पूरी दिल्ली में वाई-फाई की सुविधा देने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
केजरीवाल सरकार की किरकिरी
विपक्ष का आरोप है कि पिछले साल 2017-18 के वित्तीय वर्ष के लिए पेश किए गए बजट में दिल्ली सरकार 49 योजनाएं पर काम शुरू नहीं कर सकी है, जबकि इनके लिए बजट भी निर्धारित था। इसके अलावा तमाम ऐसी योजनाएं भी हैं जिनके बारे में सरकार ने घोषणा तो की थी मगर ये योजनाएं आगे नहीं बढ़ सकीं।
1- सरकार ने पिछले बजट की 49 घोषणाओं के लिए अभी तक एक भी पैसा खर्च नहीें किया है। इन योजनाओं पर 17 हजार करोड़ की राशि खर्च की जानी थी।
2- शिक्षा विभाग के 18 की योजनाएं थीं, स्वास्थ्य विभाग की 4 योजनाएं, परिवहन व लोक निर्माण विभाग की मिलाकर 11 योजनाएं जल बोर्ड की 4 योजनाएं, पर्यावरण से संबंधित 2 योजनाएं शामिल थीं।
3- इसके अलावा स्लम बस्तियों को हटाकर बहु मंजिला इमारतें बनाने की 2 योजनाएं, ग्रामीण विकास की 3 योजनाएं पर्यटन की 3 योजनाएं तथा अन्य दो बड़ी योजनाएं भी शामिल थीं। मगर सरकार इन योजनाओं को आगे नहीं बढ़ा सकी है।
इन योजनाओं की भी सरकार को सुध नहीं
4-बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन- आम आदमी पार्टी बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन के लिए दुनिया भर के अपशिष्ट प्रबंधन तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी-योजना कागजों में ही।
5 -सार्वजनिक स्थलों और बसों में सीसीटीवी कैमरे-अपराधों पर रोक लगाने के लिए आम आदमी पार्टी डीटीसी बसों, बस स्टैंडों पर और भीड़-भाड़ वाले जगहों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बना रही है। 3 साल में पायलेट प्रोजक्ट के तहत सिर्फ दो सौ बसों में सीसीटीवी कैमरे लगे।