नई दिल्ली । स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के स्वतंत्र निदेशक समर सिंह ने कंपनी की विस्तार परियोजना में अनियमितता का लगाया है। भिलाई पहुंचे निदेशक ने दो-टूक कहा कि गलत नीतियों के कारण ही सेल की आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण योजना को भारी नुकसान हुआ है। चार से पांच साल तक परियोजना देरी से चल रही है। सिंह के इसलिए भी अहम है, क्योंकि विस्तार परियोजना में लूट-खसोट और भ्रष्टाचार का कर्मचारी यूनियनें भी लगाती रही हैं।
सिंह का कहना है कि देरी के कारण कंपनी के घाटे का ग्राफ बढ़ता गया। यूपीए सरकार की नीतियों का खामियाजा सेल और मौजूदा सरकार को उठाना पड़ा। एक साल बाद दोबारा भिलाई पहुंचे समर सिंह पहली बार मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा, ‘2011 में 72 हजार करोड़ रुपये का कर्ज गलत नीतियों के कारण ही लिया गया था।
तत्कालीन यूपीए सरकार ने बगैर प्लानिंग के कर्ज ले लिया। बैंक से पैसा लेने के बाद मनमाने तरीके से सेल की सभी इकाइयों में बांट दिया गया। प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग नहीं होने से पैसे बर्बाद हुए और देश को अरबों का नुकसान हो रहा है।’ उन्होंने लगाया कि कर्ज लेने से पहले इसकी भरपाई की कोई रूपरेखा ही तय नहीं की गई थी। मौजूदा समय में 72 हजार करोड़ रुपये के लोन का ब्याज साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये चुकाना पड़ रहा है। यही कारण है कि सेल का मुनाफा नहीं बढ़ पा रहा है। उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में कंपनी मुनाफे में आ जाएगी।