तहलका टुडे टीम
तेहरान में हाल ही में हुए इजरायली हमलों के बाद ईरान ने अपने बेखौफ और समझदारी भरे जवाब का ऐलान करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वह हर प्रकार के बाहरी जारहाना हरकत का पूरी ताकत और समझदारी से जवाब देने के लिए तैयार है। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियन ने रविवार को X (जो पहले ट्विटर था) पर एक मजबूत बयान जारी करते हुए कहा, “ईरान के दुश्मनों को यह जान लेना चाहिए कि यह क़ौम अपनी सरज़मीं की हिफाजत में निडर है और किसी भी नादानी भरे हमले का जवाब बिना किसी झिझक के देगी।”
ईरानी ठिकानों पर इजरायली हमला और कामयाब रक्षा
ईरानी एयर डिफेंस फोर्स ने पुष्टि की है कि इजरायली फोर्सेज ने तेहरान, खुज़ेस्तान और इलाम के इलाकों में ईरानी ठिकानों को निशाना बनाया था, लेकिन ईरानी फौज ने इस हमले को नाकाम कर दिया। हालाँकि, इस दौरान ईरान के चार बहादुर जवान शहीद हो गए। राष्ट्रपति पेज़ेश्कियन ने इन शहीदों की कुर्बानी को सलाम पेश करते हुए उन्हें देश का फख्र करार दिया और उनके परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त की।
इजरायली हमले पर विदेश मंत्री की कड़ी निंदा
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भी इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे “बुजदिलाना और गैर-जिम्मेदाराना” हमला करार दिया। उन्होंने कहा, “यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का खुला उल्लंघन है। हम अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई का पूरा हक रखते हैं।” अराघची ने इस हमले को गाज़ा और लेबनान में इजरायल की ज्यादतियों से जोड़ते हुए इसे पूरी मानवता के लिए खतरा करार दिया और इस पर वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया।
संयुक्त राष्ट्र से कार्रवाई की अपील
अराघची ने संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र लिखकर इस हमले को “गैर-कानूनी और जारहाना” बताया और इजरायली शासन पर ईरानी संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से कहा कि वह इस जारहाना हरकत के खिलाफ सख्त موقف अपनाए और इसकी कड़ी निंदा करे।
क्षेत्रीय सहयोग की अपील
अराघची ने कतर, सीरिया और मिस्र के विदेश मंत्रियों से भी इस मामले पर बातचीत की। उन्होंने बताया कि इस्लामी गणतंत्र किसी भी बाहरी हमले का उचित और सख्त जवाब देने के लिए तैयार है। इन देशों के नेताओं ने भी इस हमले की निंदा की और इलाके में शांति और स्थिरता के लिए एकजुट प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
ईरान का संदेश: सुरक्षा और एकता की आवश्यकता
ईरान ने इस बयान के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि वह अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और अपनी राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तत्पर है। इस बयान से यह भी जाहिर होता है कि ईरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उम्मीद करता है कि वह मिलकर इस जारहाना शासन को रोकें।
ईरान का यह दो-टूक जवाब उसकी राष्ट्रीय गरिमा, सैन्य शक्ति और उसके जांबाज़ों के प्रति सम्मान का प्रतीक है। इसके साथ ही, उसने अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व से अनुरोध किया है कि वे तुरंत कदम उठाएं और इस गंभीर स्थिति को बढ़ने से रोकें, ताकि पूरे क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति और स्थिरता कायम रहे।