तहलका टुडे टीम/सदाचारी लाला उमेश चंद्र श्रीवास्तव,अली मुस्तफा
बाराबंकी, 20 अक्टूबर: जिला चिकित्सालय पुरुष, बाराबंकी में प्रमुख सचिव (चिकित्सा, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा) के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत एक विशेष बिहेवियर ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सालय में कार्यरत सभी चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों, स्टाफ नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और सुरक्षा गार्ड्स को मरीजों और उनके परिजनों के प्रति संवेदनशील, मृदु, और सहयोगी व्यवहार अपनाने के लिए प्रशिक्षित करना था। अब अयोध्या के द्वार पर स्थित इस जिला अस्पताल में मरीजों से तमीज और तहजीब से बात की जाएगी, जिससे उनका अनुभव और भी बेहतर हो सके।
सीएमएस बृजेश कुमार की अध्यक्षता में हुआ आयोजन:
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला चिकित्सालय के सीएमएस बृजेश कुमार ने की। उनके मार्गदर्शन में ‘ट्रेनर्स ऑफ़ द ट्रेनर्स’ द्वारा अस्पताल के चिकित्सकों और स्टाफ को व्यवहार संबंधी विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण सत्र में यह बताया गया कि किस प्रकार ड्यूटी के दौरान मरीजों और उनके परिवारों के प्रति सहानुभूति, संवेदनशीलता, और समर्पण के साथ व्यवहार करना चाहिए।
प्रशिक्षण के प्रमुख बिंदु:
ट्रेनिंग सत्र में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को समझाया गया कि किस प्रकार से एक बेहतर और सकारात्मक वातावरण बनाया जा सकता है, जिससे मरीजों का अनुभव बेहतर हो और उनकी सेवा में सुधार आए। सत्र में निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर जोर दिया गया:
संवेदनशीलता और सहानुभूति: मरीजों की समस्या को समझते हुए संवेदनशीलता के साथ उन्हें सुनना और उनकी जरूरतों को पूरा करना।
मृदु एवं सज्जनता: मरीजों से नरम और सहयोगी भाषा का प्रयोग करना ताकि वे सहज महसूस करें।
टीमवर्क और आपसी सहयोग: चिकित्सालय में सभी कर्मियों को आपस में सहयोग और सामंजस्य बनाए रखने के लिए प्रेरित किया गया, ताकि एक संगठित और समर्थ टीम के रूप में मरीजों को सर्वोत्तम सेवाएं दी जा सकें।
निष्ठा और समर्पण: अपने कार्य के प्रति पूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ काम करना, जिससे चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
प्रतिभागियों ने व्यक्त की खुशी:
कार्यक्रम के बाद प्रतिभागियों ने इस ट्रेनिंग सत्र की सराहना की और बताया कि इस प्रकार की ट्रेनिंग उनके लिए बेहद लाभदायक सिद्ध होगी। एक स्टाफ नर्स ने कहा, “यह ट्रेनिंग हमारे लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसमें हमने सीखा कि मरीजों के प्रति किस प्रकार से हमारा व्यवहार होना चाहिए ताकि वे हमारे पास आते हुए सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें।”
सीएमएस बृजेश कुमार ने बताया कि इस प्रकार की ट्रेनिंग से चिकित्सालय के स्टाफ में प्रोफेशनलिज्म और संवेदनशीलता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो और मरीजों को सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
बाराबंकी जिला चिकित्सालय का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने और मरीजों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। उम्मीद है कि इस तरह की बिहेवियर ट्रेनिंग से चिकित्सालय के कार्य में और सुधार आएगा और मरीजों को एक बेहतर अनुभव प्राप्त होगा।