बीजेपी का मुखौटा ओढ़े जरायम का पर्दाफाश: सीओ सुमित त्रिपाठी की साहसिक कार्रवाई से बाराबंकी में उर्दू अकादमी के पूर्व सदस्य के भ काले कारनामे उजागर
तहलका टुडे टीम/सदाचारी लाला उमेश चंद्र श्रीवास्तव/मोहम्मद वसीक
बाराबंकी: बाराबंकी में बीते रविवार को सीओ सिटी सुमित त्रिपाठी के नेतृत्व में हुई बड़ी पुलिस कार्रवाई ने इलाके में तहलका मचा दिया। पीर बटावन इलाके में चल रहे अवैध जुए के अड्डे पर देर रात भारी पुलिस बल के साथ छापा मारकर सात जुआरियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें बीजेपी नेता राजा कासिम के भाई रैसुल हसन और उनके भतीजे भी शामिल थे। यह छापेमारी न सिर्फ एक अवैध गतिविधि का पर्दाफाश थी, बल्कि बाराबंकी में चल रहे सफेदपोश अपराधियों और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोगों की पोल खोलने वाली कार्रवाई साबित हुई।
सीओ सुमित त्रिपाठी की निष्पक्ष कार्रवाई: कोई दबाव नहीं
सीओ सुमित त्रिपाठी ने यह दिखा दिया कि कानून और न्याय के रास्ते में कोई भी राजनीतिक दबाव नहीं आ सकता। इस छापेमारी में पुलिस ने बड़ी मात्रा में नशीली सामग्री और जुए से संबंधित उपकरण भी बरामद किए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि वहां लंबे समय से अवैध गतिविधियाँ चल रही थीं। त्रिपाठी की इस कार्रवाई को लेकर जनता और कई बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रशंसा की और इसे सरकार की निष्पक्षता का प्रतीक बताया।
उर्दू अकादमी का पूर्व सदस्य बीजेपी नेता राजा कासिम का सोशल मीडिया पर छलका दर्द: वीडियो में किया मुख्यमंत्री से निवेदन
छापेमारी के बाद बीजेपी नेता राजा कासिम ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया। छह मिनट और तैंतीस सेकंड के इस वीडियो में राजा कासिम ने अपनी सफाई देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित न किया जाए। उन्होंने दावा किया कि उनके परिवार पर हुई पुलिस कार्रवाई उनकी बढ़ती लोकप्रियता से जलने वाले विरोधी दलों के नेताओं और बीजेपी के ही कुछ लोगों का षड्यंत्र है।
वीडियो में कासिम ने दावा किया कि उन्हें साजिशन फंसाया गया है और पुलिस पर आरोप लगाया कि उनके परिवार को जानबूझकर निशाना बनाया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि उनके और उनके परिवार के साथ न्याय किया जाए, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह से निष्पक्ष थी और कानून के दायरे में की गई।
बाराबंकी में सफेदपोश अपराधियों का पर्दाफाश: अवैध धंधे के पीछे का काला सच
सूत्रों के मुताबिक, इस अवैध जुए के अड्डे से पुलिस को हर महीने मोटी रकम दी जाती थी, ताकि इस धंधे को बेधड़क चलाया जा सके। इस कार्रवाई के बाद यह स्पष्ट हो गया कि सफेदपोश अपराधी और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोग कैसे कानून का मजाक उड़ाते हैं। राजा कासिम का परिवार इसी राजनीतिक संरक्षण का लाभ उठाकर वर्षों से इस अवैध धंधे को चला रहा था।
आपको ये भी बता दे शहर चौकी की मिलीभगत से पीर बटावन इलाके में सूदखोर,उठाईगीर,गुंडे,छूटभैया नेता और बदमाश,दूसरे के मकानों और जमीनों पर कब्जा करने वाले, वकफखोर,जुआ के अड्डे चलाने वाले हीरोइन मार्फीन की पुड़िया बेचकर सैकड़ों घरों को बर्बाद करने वाले काफी सक्रिय है,
इस जुए के अड्डा में कोई ऐसा जरायम नही था जो न होता हो, हर वो काम जो इस्लाम के हराम है और भारत के कानून में जुर्म है वो सब यहां होता था,
जिनको उर्दू नही आती थी,न ही हिंदी आती थी,पिछले वर्षो सरकार में सांठ गांठ करके उनको उर्दू अकादमी का सदस्य भी बना दिया गया था ,जिसका कार्यकाल भी समाप्त हो गया था।
पुलिस के इस कदम ने बाराबंकी की राजनीति और अपराध के गठजोड़ का पर्दाफाश किया है। लोगों का मानना है कि बाराबंकी में सफेदपोश अपराधियों और राजनीतिक प्रभावशाली लोगों का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था, जो अब धीरे-धीरे बेनकाब हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुमित त्रिपाठी को सम्मान देने की मांग
सीओ सुमित त्रिपाठी की साहसिक कार्रवाई से बाराबंकी के लोग और बीजेपी कार्यकर्ता उत्साहित हैं। उनका मानना है कि सीओ त्रिपाठी ने अपनी निडरता और निष्पक्षता से यह साबित कर दिया है कि कानून से बढ़कर कोई नहीं है, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता या राजनीतिक रसूख रखने वाला व्यक्ति क्यों न हो। जनता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि इस ईमानदार अधिकारी को उनके साहसिक कदम के लिए सम्मानित किया जाए।
बीजेपी नेता के राजनीतिक मुखौटे का सच: कानून की नजर में सब बराबर
राजा कासिम, जो खुद को बीजेपी का पुराना और समर्पित नेता बताते हैं, अब इस पूरे मामले में घिरते नजर आ रहे हैं। अपने राजनीतिक मुखौटे के पीछे छिपकर अपराधों का अड्डा चलाना और फिर पुलिस पर दबाव बनाना उनकी सच्चाई को उजागर करता है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा राजनीतिक रसूख क्यों न रखता हो, कानून से बच नहीं सकता।
अपराधियों के लिए कोई स्थान नहीं: बाराबंकी में कानून का राज स्थापित
सीओ सुमित त्रिपाठी की कार्रवाई ने बाराबंकी में एक कड़ा संदेश दिया है कि यहां कानून से ऊपर कोई नहीं है। सफेदपोश अपराधियों और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोगों के लिए अब कोई जगह नहीं है।
बाराबंकी के लोग अब यह उम्मीद कर रहे हैं कि आगे भी ऐसे ही कदम उठाए जाएंगे, ताकि शहर को इन सफेदपोश अपराधियों से मुक्ति मिल सके।
बाराबंकी की राजनीति और अपराध के गठजोड़ का हुआ पर्दाफाश
बाराबंकी में इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि कानून और न्याय का रास्ता कठिन है, लेकिन सीओ सुमित त्रिपाठी जैसे ईमानदार अधिकारी उस कठिनाई को पार करने का साहस रखते हैं। उनके इस साहसिक कदम ने सफेदपोश अपराधियों और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोगों को बेनकाब कर दिया है। अब देखने वाली बात यह है कि सरकार और प्रशासन इस पूरे मामले पर क्या कदम उठाते हैं और क्या सीओ सुमित त्रिपाठी को उनकी निडरता के लिए सम्मानित किया जाता है।
बाराबंकी के लोग और बीजेपी कार्यकर्ता इस कार्रवाई को लेकर सीओ सुमित त्रिपाठी की प्रशंसा कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि कानून का राज इसी तरह कायम रहेगा।