ईरान की नज़र में भारत: उभरती ताकत और वैश्विक शांति का नेतृत्वकर्ता
तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली: भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा है कि भारत एक उभरती हुई वैश्विक ताकत है, जो पूरे क्षेत्र में शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। शनिवार को दिए गए एक बयान में उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि नई दिल्ली, जो इस्राइल के साथ अच्छे संबंध रखता है, गाज़ा में हो रहे नरसंहार को रोकने के लिए इस्राइल को समझाने में सफल हो सकता है।
उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि भारत, इस्राइल के साथ अच्छे संबंधों के बावजूद, उसे गाज़ा में नरसंहार रोकने और क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए समझा सकता है।”
ईरानी राजदूत ने भारत की ऐतिहासिक भूमिका की प्रशंसा करते हुए इसे वैश्विक शांति के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) का संस्थापक है। भारत अपनी स्वतंत्र रणनीति का दावा करता है और हाल ही में ‘वैश्विक दक्षिण’ की आवाज़ उठाई है। इससे भारत की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।”
जब उनसे शांति प्रक्रिया के समाधान के बारे में पूछा गया, तो इलाही ने स्पष्ट किया कि फिलिस्तीनियों को उनके अधिकार वापस किए जाने चाहिए। “इकलौता समाधान यही है कि फिलिस्तीनियों को उनके अधिकार दिए जाएं, जो एक वंचित और उत्पीड़ित राष्ट्र हैं। पूरी दुनिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, अरब देशों और अन्य देशों को उनके अधिकारों को मान्यता देनी चाहिए, जिसमें उनका एक राज्य, अपनी भूमि, समृद्धि और संप्रभुता शामिल हो। यही मुख्य समाधान है, और यह बिल्कुल स्पष्ट है,” उन्होंने कहा।
इलाही ने 7 अक्टूबर की घटना पर ईरान के दृष्टिकोण को भी साझा किया, जो कि कई देशों से भिन्न है। “हम मानते हैं कि 7 अक्टूबर की घटना अचानक नहीं हुई। इसके पीछे गहरी जड़ें हैं। हमें इस्राइल और फिलिस्तीन के इतिहास का अध्ययन करना चाहिए कि किस तरह इस्राइल की स्थापना फिलिस्तीनियों की ज़मीन पर हुई। उनके घरों पर कब्जा कर लिया गया, उनकी ज़मीनें पर कब्जा कर उनके घर जलाये गये और उन्हें मजबूर किया गया कि वे अपना घर-बार छोड़ दें। हमारी नज़र में, फिलिस्तीनी अपने घर की हिफाज़त और इसका बचाव कर रहे हैं, भले ही इस पर कितनी भी प्रचारबाजी हो रही हो।”
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को, सैकड़ों हमास के लड़ाकों ने इस्राइली के कब्जे वाले फिलिस्तीन में इसराइल ने जंग की जिसमे हमास हावी हो गया 1200 से अधिक लोगों की हत्या की और 250 से अधिक को बंधक बना लिया। इनमे से 100 से अधिक लोग अब भी कैद में हैं। इसके जवाब में इस्राइल ने गाज़ा में बड़े पैमाने पर हमले शुरू कर तबाही मचा दी, जिससे महिलाओं और बच्चों सहित बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत हो गई।
गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस संघर्ष में अब तक 35,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। इस लड़ाई ने अब पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है, जिसमें यमन के हूती विद्रोहियों ने भी इस्राइल और अन्य देशों पर हमले किए हैं। इस्राइल ने लेबनान में हिज़्बुल्लाह के ठिकानों पर भी हमले किए हैं।
जैसे-जैसे संघर्ष तेज़ हो रहा है, सभी प्रमुख देशों ने युद्धविराम और बंधकों की रिहाई की अपील की है। साथ ही एक स्थायी और टिकाऊ शांति के लिए दो-देश समाधान की दिशा में जोर दिया जा रहा है।
इस संदर्भ में, इलाही का यह विश्वास कि भारत शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, भारत की वैश्विक कूटनीति में बढ़ती शक्ति और जिम्मेदारी को दर्शाता है।