नई दिल्ली: सेना ने कहा है कि वह वित्तीय संकट का सामना कर रही है और दो मोर्चों पर युद्ध की स्थिति वाली आशंका के मद्देनजर आपात खरीद करने के लिए भी संघर्ष कर रही है. उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंटजनरल शरत चंद ने कहा कि धन के अपर्याप्त आवंटन से सेना की आधुनिकीकरण योजना प्रभावित होगी.
सेना ने संसद की एक स्थायी समिति से कहा कि अगले वित्त वर्ष में रक्षा बजट में उसके लिए आवंटित धन देश के सामने खड़ी कई सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए पर्याप्त नहीं है. उसने उत्तरी सीमा पर चीन और पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान की हरकतों का उल्लेख किया है. उधर, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने यहां एक कार्यक्रम में चीन की सैन्य ताकत के बारे में बात की और कहा कि देश आर्थिक प्रगति के साथ रक्षा खर्च की जरूरत के महत्व को समझता है.
वहीं सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि जम्मू- कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता भारतीय शर्तों पर खत्म होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर भारतीय सेना की आक्रामकता का‘ दर्द’ पाकिस्तानी सुरक्षा बल महसूस कर रहे हैं.
रावत ने इस ओर इशारा किया कि भारत की ओर से सीमापार गोलीबारी का बढ़ना पाकिस्तान पर दबाव बनाने की बड़ी रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा, ‘‘ पहले सीमा पर दबाव सिर्फ हमारे ऊपर था और हम सतर्क रहते थे और अब पाकिस्तानी सेना भी वही दर्द महसूस कर रही है.’’
रावत ने कहा कि घुसपैठियों की मदद कर रही पाकिस्तानी चौकियों को‘ दंडित किया’ जाना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर गोलीबारी में बढ़ोतरी ने पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा पर अधिक सुरक्षा बल तैनात करने के लिए मजबूर किया है.
सेना प्रमुख‘ विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन’ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.