नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने यहां एक कार्यक्रम में चीन की सैन्य ताकत के बारे में बात की और कहा कि देश आर्थिक प्रगति के साथ रक्षा खर्च की जरूरत के महत्व को समझता है. बिपिन रावत ने कहा कि भारत और चीन का वार्षिक सैन्य अभ्यास बहाल होगा. उन्होंने यह भी कहा कि डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी और अब यह सुधर रहा है. रावत ने कहा कि चीन के साथ सैन्य कूटनीति ने काम किया और डोकलाम गतिरोध के बाद बंद हो गई सीमा सुरक्षा बलों की बैठक फिर से शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि दोनों सुरक्षा बलों के बीच सौहार्द फिर से कायम हो गया है.
सेना प्रमुख ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ चीन के साथ हर साल सैन्य अभ्यास होता है. सिर्फ पिछले साल यह अभ्यास( डोकलाम गतिरोध को लेकर पैदा हुए तनाव की वजह से) स्थगित हुआ, लेकिन अब यह अभ्यास होगा.’’ भारत और चीन के सैन्यकर्मियों के बीच डोकलाम में 73 दिनों तक गतिरोध रहा था.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अगले महीने चीन जा रही हैं और माना जा रहा है कि यह मुद्दा बातचीत के दौरान उठ सकता है. वहीं, उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद ने कहा कि धन के अपर्याप्त आवंटन से सेना की आधुनिकीकरण योजना प्रभावित होगी.