नगर निगम लखनऊ में सबसे अधिक मतों से जीतने , मेरठ में सपा से छीनकर भाजपा के कब्जा करने में,पंकज सिंह की हिक्मते अमली आई काम,बरेली की तरह यहां भी कामयाबी दोहरायी
तहलका टुडे टीम
लखनऊ:उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष और नोएडा के विधायक पंकज सिंह बीजेपी के लिए डायनामिक कलेवर के नेता बनकर उभर रहे है ,इनके कदम जहा जाते है वहां साजगार साबित हो रहे है,पंकज सिंह की चर्चा सत्ता के गलियारों पर जोरो पर लखनऊ में राजनाथ के वफा का कारवां मिशन नेत्र शिविर फ्री दवा,चश्मा ऑपरेशन कार्यक्रम से जन समर्थन जुटाने को मुहिम अवाम का दिल जोड़ने और नजर से नजरिया बदलने की मेहनत और खुद कार्यक्रमों में शिरकत कर भाजपा की सुषमा खर्कवाल को महापौर चुनाव में नगर निगम के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज करवाने के साथ मेरठ नगर निगम का प्रभारी होने पर यह सीट समाजवादी पार्टी से छीन कर भारतीय जनता पार्टी की झोली में डालने का शरफ हासिल कर एक कीर्तिमान स्थापित कर तहलका मचाये हुए है।
आपको बता दे 6 महीने से पुराने लखनऊ में चल रहे अंबर फाउंडेशन के फाउंडर वफा अब्बास की निगरानी में सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रेणा से चलने वाले स्वेटर वितरण और नेत्र शिविर कार्यकर्म में दवा चश्मा वितरण और गरीबों की आंख के ऑपरेशन कार्यक्रम में मिल रहा अपार समर्थन ने लखनऊ नगर निगम की मेयर बनी सुषमा खर्कवाल ने पूर्व महापौर व डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा का भी रिकार्ड तोड़ दिया है। सुषमा खर्कवाल ने 2,04, 141 लाख वोटों से जीत दर्ज की है। जो अब तक रिकार्ड है। इससे पहले यह रिकार्ड पूर्व महापौर डस्ट व सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के नाम था । उन्होंने 2012 के महापौर के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. नीरज बोरा को 1,71,824 वोटों से हराया था।
5,02,660वोट भाजपा की सुषमा को मिले है,जबकि 2,98,519 वोट सपा की वंदना को मिले
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के उपाध्यक्ष और नोएडा के विधायक पंकज सिंह (Pankaj Singh BJP) ke कदम पार्टी के लिए कामयाबी का सबब बन रहे है,इस नगर निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने उन्हें मेरठ नगर निगम का प्रभारी नियुक्त किया। यह सीट भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी से छीन ली है। मेरठ में मौजूदा मेयर सपा की थीं। ठीक इसी तरह पंकज सिंह ने पिछले नगर निकाय चुनाव के दौरान बरेली में भाजपा को कामयाबी दिलाई थी। मेरठ में पंकज सिंह के काम को देखने वाले कहते है, “वह बेहद धैर्य के साथ चीजों को सुनते हैं और बोलने में कम भरोसा रखते हैं। पार्टी के छोटे से छोटे कार्यकर्ता को संजीदगी से लेते हैं। यही उनकी कामयाबी का राज है।”
शनिवार को उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव का परिणाम आ गया है। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में सभी 17 नगर निगम में जीत हासिल की है। संगठन के लिए मेरठ नगर निगम बेहद महत्वपूर्ण था। दरअसल, नगर निगम पर फिलहाल समाजवादी पार्टी का कब्जा था। हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा मेरठ की मेयर थीं। हालांकि, उन्होंने चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा और जीता था। बाद में वह अपने पति के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गयी थीं। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मेयर हरिकांत अहलूवालिया को चुनाव मैदान में उतारा। उनके सामने समाजवादी पार्टी ने सरधना के विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को टिकट दिया। मेरठ में भारतीय जनता पार्टी के लिए यह मुकाबला आसान नहीं था। पंकज सिंह की रणनीति कारगर साबित हुई। प्रत्याशी चयन से लेकर मतदान तक वह मेरठ नगर निगम चुनाव के लिए योजनाकार बने रहे। हरिकांत अहलूवालिया को 2,35,953 वोट मिले हैं। भारतीय जनता पार्टी ने मेरठ नगर निगम में वापसी करते हुए ऐतिहासिक जीत हासिल की है।
मेरठ के कद्दावर नेता कहते हैं, “भाजपा में सांगठनिक दृष्टिकोण से चुनाव प्रभारी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। राजनीति में हर कोई महत्वाकांक्षा लेकर आता है। सबको टिकट की दरकार होती है। एक-एक टिकट के लिए दर्जनों लोग दावा करते हैं। टिकट तो किसी एक को ही देना होता है। ऐसे माहौल में योग्यतम को टिकट देकर बाकी लोगों को संतुष्ट करना ही चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी है। मेरठ में यह काम पंकज सिंह ने बखूबी करके दिखाया है।”
पिछली बार बरेली नगर निगम सपा से छीना था
इससे पहले वर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव में पंकज सिंह को बरेली नगर निगम का चुनाव प्रभारी बनाकर भेजा गया था। उस वक्त बरेली नगर निगम पर भी समाजवादी पार्टी का कब्जा था और आईएस तोमर वहां के मेयर थे। भारतीय जनता पार्टी ने उमेश गौतम को मैदान में उतारा था। पंकज सिंह ने बरेली में भी शानदार ढंग से चुनाव संभाला और भाजपा को कामयाबी दिलाई थी। उमेश गौतम बड़े अंतर से जीतकर मेयर बने थे। बरेली सदर बाजार के वयोवृद्ध भाजपा नेता और व्यापारी जुगल किशोर कहते हैं, “पंकज सिंह धैर्यवान और सौम्य स्वभाव के धनी हैं। फिर भी वह आसानी से किसी की बात नहीं मानते हैं। लिहाजा, उन्हें झूठे आश्वासन देने की जरूरत नहीं पड़ती है। राजनीति में यह गुण बहुत कम नेताओं के पास होता है। ज्यादातर नेता कार्यकर्ताओं को झूठे आश्वासन देकर फौरी तौर पर निजात पाना चाहते हैं। जब पंकज सिंह ने पिछले नगर निकाय चुनाव में बरेली का प्रभार संभाला था तो यहां गुटबंदी हावी थी। पंकज सिंह का प्रभाव रहा और अच्छे उम्मीदवार चुनने में पार्टी की मदद की। जिसकी बदौलत ना केवल मेयर सीट भाजपा ने हासिल की थी, बल्कि सदन में भी बहुमत हासिल किया था।