किसानों के बीच में नही दलालों और कृषि माफिया कंपनियों के साथ एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने में जुटे,योजना कहा किसानों की होगी बड़ी भूमिका
सोल्यूशन राउंड टेबल फॉर एगटैक इन उत्तर प्रदेश “थेमेटिक प्रजेंटेशन ऑन इनोवेटिव टैक्नालाजी एंड मॉडल्स” पर पहला सम्मेलन आयोजित,बना चर्चा,किसान रहे दूर
तहलका टुडे टीम/रिज़वान मुस्तफा
लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का किसानों के हित और उनके दिल जीतने का सपना कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह साकार करने के बजाय दलालों और कृषि माफिया कंपनियों के बीच में जाकर बर्बाद करने की भूमिका में नजर आ रहे है,
प्रदेश में गरीब किसान हालात से एक जंग लड़ रहा है,वो भी दलाल लोगो की वजह से,गन्ना से लेकर धान गेहूं खरीद,खाद खरीद तक किस तरह किसानों का शोषण हो रहा है ये जग जाहिर है,
मुख्यमंत्री जी कपड़ा भी संतो वाला पहनते है और प्रदेश के खजाने पर बोझ ना पड़े इसका भी ध्यान रखते है,गरीबों और खासकर किसानों की भलाई के लिए गौवंश के चारे से लेकर उनके पालने और उनसे होने वाले खेतो के नुकसान की भरपाई करने की हर संभव प्रयास में लगे रहते है,
लेकिन प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह का अंदाज ही बहुत महंगा और निराला है,अमीर कंपनियों के बीच में रहना,महंगे कपड़े और महंगी गाड़ियों के बीच आलीशान बंगले में रहकर किसानों की पंचायत लगाकर उनकी समस्यायों और मुख्यमंत्री जी के सपनो को साकार करने के बजाय ऐसे ऐसे योजनाएं बना रहे है की प्रदेश में मछली पालन, बटेर पालन,मुर्गी पालन,बत्तख पालन,कड़कनाथ मुर्ग पालन,अंडा उत्पादन,गौशाला, डेयरी,कोल्ड स्टोरेज,जैसी योजनाओं पर किसानों के लिए काम करना एक मुसीबत मोल लेना और कर्ज में डूब कर जान दे देना बनता जा रहा है, उसमे सहूलियत देने के बजाय बड़ी बड़ी कंपनियों के इशारे पर मुसीबत खड़ी की जा रही है,जो जग जाहिर है।
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन करने व किसानों की आय को दोगुनी करने के उद्देश्य से कृषि कार्यों में नवीन तकनीक का प्रयोग करते हुए कृषि गतिविधियों को सुलभ बनाने एवं कृषक परिवारों को आत्मनिर्भर करने हेतु कृत संकल्प है।
लेकिन एपीसी मनोज कुमार सिंह की भूमिका बद से बदतर है,हमेशा दलाल कंपनियों के एजेंटो से घिरे रहने वाले किसानों और किसानों के संघठन से दूरी बनाए रखते है,कार्यशाला भी गांव में जाकर नही बल्कि देश को लूटने में लगी मॉल्टिनेशन कंपनियों के गुर्गों के बीच में घिरे रहकर 5स्टार होटलों या सामुदायिक केन्द्रों पर कार्यक्रम आयोजित करवाते है,और उन्ही कंपनियों के कार्यक्रमों में माला पहनकर अपनी शोभा बढ़ाते है,
योजना भवन में आयोजित यूपीडास्प- समन्वय विभाग, उ0प्र0 तथा अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आई.एफ.सी.) के इंडिया एगटेक एडवाइजरी प्रोडक्ट (IAAP) के सहयोग से आयोजित सोल्यूशन राउंड टेबल फॉर एगटैक इन उत्तर प्रदेश “थेमेटिक प्रजेंटेशन ऑन इनोवेटिव टैक्नालाजी एंड मॉडल्स” पहले सम्मेलन के दौरान उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कृषक प्रगतिशील हैं तथा कृषि में उपयोगी नवीनतम तकनीक को अपनाने हेतु इच्छुक हैं। अतः कृषि निवेश के तरीकों पर फोकस करना होगा। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि सरकार विश्व बैंक समूह-आई.एफ.सी. के साथ मिलकर किसानों की बेहतरी के कार्य करना चाहती है। सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही AgTech कम्पनियों को हर प्रकार से सहयोग प्रदान करेगी। खाद्य प्रसंस्करण तथा कृषक उत्पादन संगठनों को बढ़ावा देने हेतु सरकार प्राथमिकता से कार्य कर रही है जिसके माध्यम से लघु सीमान्त किसानों की आय में वृद्धि तथा बेरोजगारी दूर करने में सहायक होगी।
प्रस्तुतिकरण के दौरान आई.एफ.सी. के प्रतिनिधि ने अवगत कराया कि आईएएपी का उद्देश्य प्रदेश में किसानों के आय में वृद्धि करना, एगटेक की पहुंच को अधिकतम किसानों तक पहुँचाना, निजी क्षेत्र के विकास हेतु अनुकूलित समाधान करना, प्रौद्योगिकियों की पहचान करना. वाणिज्यिक निवेश आकर्षित करना और कृषि क्षेत्र में व्यापार सम्बन्धी गतिविधियों में बाधाओं को दूर करना है।
सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाली 24 AG-Tech स्टार्टअप द्वारा कृषि क्षेत्र में किसानों को फसल उगाने, सिंचाई, तुड़ाई उपरान्त प्रबन्ध में सहयोग व सलाह देने, जल प्रबन्धन तथा मौसम की जानकारी, सैटेलाइट इमेजिंग, रिमोट सेंसिंग, ड्रोन टेक्नोलॉजी, जियो टैगिंग, जियो मैपिंग, कोल्ड स्टोरेज सोल्यूशन्स, अर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस, खाद्य प्रसंस्करण, मशीनीकरण, सूक्ष्म स्तर पर भंडारण, एग्री डाटा एनालिटिक्स, बाजार तक पहुँच, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर, ई-मार्केटप्लेस जैसी तकनीकों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में समस्याओं को दूर करने सम्बन्धी विषयों पर प्रस्तुतीकरण किया गया।
लेकिन ये सब उनके सामने किया गया जो किसान नही थे,
ना ही किसानों के संगठनों के जिम्मेदार थे,टेबल टाप की ये बैठक चर्चा में बनी रही।
सम्मेलन में संयुक्त सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार सैमुएल प्रवीण कुमार, कृषि सचिव अनुराग यादव, आयुक्त ग्राम्य विकास जी. एस. प्रियदर्शी, योगेश कुमार विशेष सचिव, समन्वय, अन्जनी कुमार सिंह, निदेशक, मण्डी परिषद, विजय शेखर कलावकोंडा, सीनियर ऑपरेशनस ऑफिसर, आई.एफ.सी. अनिल सिन्हा, सीनियर एडवाइजर (आई.ए.ए.पी-आई.एफ.सी.). युवराज आहूजा एवं अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।