
बाराबंकी। बरसता पानी काले कपड़े पहने आजादार,या हुसैन अलविदा की सदाओ के बीच मातम,आंखो से आंसू ज़बान पर बचे तो अगले बरस हम है ये गम है,जो चल बसे तो ये अपना सलामे आखिर है,असकरी हाल देवा रोड से करबला सिविल लाइन तक काले कपड़े पहनकर जुल्म और जालिम के खिलाफ अजादारों और अन्जुमनों ने किया अलम ,जुलजानाह , अमारी , झूला जनाबे अली असगर के साथ पैदल मार्च और मातम ।

दो महीने 8दिन गमों के खत्म हो गये ,हिंदुस्तान ही नही पूरी दुनियां मे इमाम हुसैन का ग़म मनाया जाता है।
इसी क्रम में 8 रब्बीवल को देवा रोड स्थित गुलाम अस्करी हाल में सुबह 8 बजे मजलिस बरपा हुई जिसको मौलाना इमामे जुमा मोहम्मद रज़ा रिज़वी ज़ैदपुरी ने सम्बोधित किया। उसके बाद अंजुमन गुलामे अस्करी के नवजवानों ने अलम – ए – मुबारक , ज़ुल्ज़नाह, अमारी का जुलूस बरामद किया और नौहाखानी करते हुवे अपने पुराने रास्ते आनद भवन, रिलायंस चौराहा, छाया चौराहा, केडी बाबू मार्ग होता हुआ कर्बला पहुँचे। जहाँ पर हिंदुस्तान के मशहूर मौलाना इन्तिजार आब्दी इलाहाबाद ने मजलिस को संबोधित किया। उन्होंने अंत में शहीदाने करबला के दर्दनाक मसायब पढ़े जिसे सुनकर आजादार बिलख बिलख कर रो पड़े।

जुलूस में अन्जुमन यादगारे हुसैनी नौगावा सादात, अंजुमन सिपाहे मेहंदी कानपुर, अंजुमन हुसैनिया उन्नाव, अंजुमन गौसिया अहले सुन्नत कोठी बाराबंकी, अन्जुमन सदाये कर्बला के नवजवानों ने नौहा खानी व सीनाजनी की। करबला में बादे मजलिस सभी अन्जुमनों ने नौहा खानी व सीनाजनी की ।
अन्त में अलविदाई नौहे के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
कार्यक्रम संस्थापक कमेटी के तहजीब असकरी ने सभी का शुक्रिया अदा किया ।