लखनऊ:::मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ लेते ही जीरो टॉलरेंस नीति के तहत उ०प्र० शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड हुआ सख्त चेयरमैन सैयद अली जैदी ने फरमान जारी कर
समस्त अवकाफ के मुतवल्लियों को दिए निर्देश वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा-44 के अन्तर्गत अपने से सम्बन्धित वक्फ का बजट वित्तीय वर्ष 2022-2023 बोर्ड के समक्ष एक माह के भीतर प्रस्तुत करें तथा शासन द्वारा जारी शासनादेश संख्या-06/2021/2054/52-2-2021-27 (परिपत्र) / 2021, दिनांक 03-11-2021 के अनुपालन में वक्फ सम्पत्तियों का इन्द्राज राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराये।
मालूम हो इस शासनादेश में समस्त जिला मजिस्ट्रेट सर्व आयुक्त को पत्र लिखकर कहा गया है,
उपर्युक्त गृह (पुलिस) अनुभाग-3 के शासनादेश संख्या-यूप्रो०-३/छ पु0-3-2021 दिनांक 23.02 2021 एवं अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक़्फ़ अनुभाग-2 के शासनादेश संख्या-054/ बावन-2-2002-2(14)/2000. दिनांक 07.01.2003 का कृपया संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसके माध्यम से वक्फ सम्पत्तियों पर हो रहे अनाधिकृत कब्जा / अनधिकृत विक्रय पर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है।
2 -प्रश्नगत मामलों में शासन के संज्ञान में प्रायः यह सध्य आ रहे हैं कि वक्फ संपत्तियों पर अनधिकृत कब्जे के अतिरिक्त राजस्व अभिलेखों में स्थानीय अधिकारियों, मुतवल्लिया एवं भू-माफियाओं द्वारा हेरा-फेरी की जा रही है। ऐसी वक्फ सम्पत्तियों जो वक्फ डीड के क्रम में आधार वर्ष 1359 फसली से भी पूर्व से संबंधित बोर्डो के वक़्फ़ सम्पत्ति रजिस्टर एवं राजस्व अभिलेखों में वक्फ के रूप में दर्ज रही है, उनमें कालान्तर में मृतवल्लियो, विभागीय कर्मचारियों एवं राजस्व कर्मियों द्वारा परस्पर मिलीभगत कर का नाम विलोपित करते हुए मुतवल्ली व उनके उत्तराधिकारियों का नाम दर्ज कर लिया गया है। राजस्व अभिलेखों में उक्त प्रकार से हेरा-फेरी कर ऐसी वक्फ सम्पत्तियों का उ0प्र0 सुन्नी / शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड की अनुमति के बिना अनेक वार विक्रय / अंतरण कर दिया गया है, जिसके फलस्वरूप व सम्पत्ति को अत्यधिक क्षति कारित हुआ है।
3-अवगत कराना है कि राज्य में स्थित सभी जिलों / तहसीलों / गाँव / कस्बो / नगरों आदि में दक्फ डीड के क्रम में वक्फ के रूप में घोषित बहुत सी सम्पत्तियों है जिनकी प्रविष्टि सम्बन्धित वक्फ बोर्ड के अभिलेख रजिस्टर धारा-37 में होती है तथा जिसका विवरण सम्बन्धित वक्फ बोर्ड द्वारा सम्बन्धित जिलाधिकारी / अपर सर्वे आयुक्त वक्फ को प्रेषित किया जाता है किन्तु वर्तमान में राजस्व अभिलेखों में वक्फ के नाम नामातरित नहीं की गयी है।
4 -इस संबंध में उक्त शासनादेशों की प्रति प्रेषित करते हुए मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि कृपया ऐसे प्रकरणों में सम्बन्धित मुतवल्ली, वक्फ निरीक्षक, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से समन्वय स्थापित कराते हुए वक्फ सम्पत्तियों का राजस्व अभिलेखों में नियमानुसार इन्द्राज कराने हेतु राजस्व अधिकारियों को निर्देशित करना सुनिश्चित करें।
8-निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण /अपर सर्वे आयुक्त वक्फ को इस आशय से प्रेषित कि समस्त उपनिदेशकों/समस्त जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को नियमित अनुश्रवण करते हुए समयबद्ध तरीके से उक्त कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें तथा कृत कार्यवाही से समय-समय पर शासन को भी अवगत कराये।
9- मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उ०प्र० शिया / सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ को इस
निर्देश के साथ प्रेषित कि ऐसी समस्त वक्फ सम्पत्तियों का विवरण जनपदीय अधिकारियों को उपलब्ध कराते हुए नियमित मासिक समीक्षा रिपोर्ट शासन को नी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
10- समस्त उपनिदेशक / समस्त जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी / सहायक सर्वे
कमिश्नर वक्फ को इस आशय से प्रेषित कि प्रश्नगत प्रकरण में जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों से समन्वय / सम्पर्क कर सम्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराने का कष्ट करे।
इस फरमान से वक्फ का मॉल दबाए ,अवैध कब्जा किए,जमीनों का सौदा कर रहे वक्फखोर दलालों और मुतावल्लियो में हड़कंप