तहलका टुडे टीम
लखनऊ, 5 अक्टूबर: भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी आफताबे शरीयत मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नकवी ने डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा पैगंबर हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (स.अ.व) की शान में की गई अपमानजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। मौलाना ने कहा कि यति नरसिंहानंद जैसे शरारती तत्वों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि यति नरसिंहानंद जैसे लोग देश में सिर्फ फसाद फैलाने का प्रयास कर रहे हैं और उनके बयान न केवल सांप्रदायिकता को बढ़ावा देते हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने इस बात पर जोर दिया कि यति नरसिंहानंद जैसे लोगों की वजह से भारत की धार्मिक और सामाजिक संरचना कमजोर हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से विविधता में एकता का संदेश देने वाला देश रहा है, लेकिन ऐसे नफरत फैलाने वाले लोगों की गतिविधियां देश की एकता और सांप्रदायिक सौहार्द को खतरे में डाल रही हैं।
मौलाना ने हाल ही में USCIRF (यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसमें भारत में मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की गई है, और यह चिंता यति नरसिंहानंद जैसे लोगों के भड़काऊ बयानों के आधार पर है। उन्होंने कहा कि यति नरसिंहानंद जैसे व्यक्तियों के बयान सिर्फ भारतीय मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि देश की प्रतिष्ठा के लिए भी खतरा हैं।
आफताबे शरीयत मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि यदि सरकार समय रहते ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यति नरसिंहानंद को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि देश में शांति और सद्भाव कायम रहे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्लाम के पैगंबर (स.अ.व) की शान में कोई भी अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मौलाना ने कहा कि यति नरसिंहानंद जैसे लोगों के बयानों के कारण ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल हो रही है। अमेरिका जैसे देशों से भारत के खिलाफ रिपोर्ट्स आना देश की प्रतिष्ठा को कमजोर करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भारत की गंगा-जमुनी तहजीब और सांप्रदायिक सौहार्द कायम रहे।